गजब हाल: मासूम बच्चों के भोजन में भी भ्रष्टाचार का तड़का
-पोष्टिक मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को परोसा जा रहा रूखा-सूखा
-पिछले दिनों ही तहसीलदार व मुख्य शिक्षा अधिकारी ने पकड़ी थी एमडीएम में गड़बड़ी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जनपद में सरकारी स्कूलों में मासूम बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील में भी अधिकारी भ्रष्टाचार का तड़का लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार के राज में मासूम बच्चों को पोष्टिक भोजन के नाम पर रूखा-सूखा खिलाया जा रहा है और जिम्मेदार हैं कि आंखे मूंदे बैठे हैं। पिछले दिनों पौड़ी की तहसीलदार सुशीला कोठियाल व मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने अलग-अलग स्कूलों में छापेमारी कर मिड-डे मील में कई अनियमितताएं पकड़ीं और उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी भेजी। यह मामले तो तब पकड़ में आए जब यहां छापेमारी की गई। ऐसे ही कई स्कूल हैं जहां मासूम बच्चों के साथ मिड-डे मील के नाम पर मजाक किया जा रहा है, लेकिन सिस्टम है कि इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई से बच रहा है।
बता दें कि पिछली 11 अप्रैल को राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओजली में मिड-डे मील में किए जा रहे भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे के निर्देश पर तहसीलदार सदर सुशीला कोठियाल ने स्कूल का निरीक्षण किया। तहसीलदार सुशीला कोठियाल के अनुसार वह अचानक स्कूल पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि मिड-डे मील का रजिस्टर तक ठीक तरीके से नहीं रखा गया था। इसके अलावा मिड-डे मील के मेन्यू पर भी सिर्फ दाल-चावल लिखा हुआ था। पूछताछ में पता चला कि विद्यालय में हमेशा दाल-चावल ही बनता है। बच्चों से पूछने पर पता चला कि अक्सर उन्हें खिचड़ी ही खिलाई जाती है। जबकि सरकार की योजना के तहत मिड-डे मील में सातों दिन अलग-अलग पौष्टिक भोजन की व्यवस्था है। इसके लिए सरकार की ओर से विशेष बजट दिया जाता है। तहसीलदार ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने थलीसैंण के स्कूल में पकड़ी थी गड़बड़ी
मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने गत 23 अप्रैल को थलीसैंण के राजकीय कन्या उच्चतर प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने यहां मिड-डे मील के रजिस्टर में कई गड़बड़ी पकड़ी थी। उन्होंने बताया था कि मिड-डे मील के रजिस्टर में आंकड़े पैंसिल से भरे जा रहे थे। जिससे कि अधिकारियों को रजिस्टर दिखाने के बाद इन आंकड़ों में आसानी से बदलाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है, जिसके लिए छापेमारी की जा रही है।
गड़बड़ करने वालों पर होनी चाहिए ठोस कार्रवाई
मिड-डे मील योजना सरकार की महत्वकांशी योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य कुपोषण को हराना और बच्चों को स्वस्थ शरीर प्रदान करना है। मिड-डे मील के तहत बच्चों को हर दिन तरह-तरह के पोष्टिक पकवान परोसने की व्यवस्था है। जिसमें अंडे, दूध, खीर, प्रोटीन युक्त दालें, विटामिन से भरपूर सब्जियां आदि शामिल हैं। लेकिन कई स्कूलों में ऐसा कुछ भी नहीं खिलाया जा रहा है। जिसका उदाहरण उक्त छापेमारी से मिलता है। जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि मासूम बच्चों के भोजन में खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए, जिससे अन्य को भी इससे सबक मिल सके।