कोटद्वार-पौड़ी

18 हजार मानदेय पाने को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने लगाई सरकार से गुहार

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। लंबे समय से  मांगों की अनदेखी होने पर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका व मिनी कर्मचारी संगठन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार पर उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया। कहा सरकार अपने हितों को साधने  के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का इस्तेमाल करती है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका व मिनी कर्मचारी शहर के टूरिस्ट गेस्ट हाउस में एकत्रित हुए। इस मौके पर उन्होंने शहर के कोटद्वार रोड़, बस स्टेशन, माल रोड, एजेंसी चौक होते हुए कलक्ट्रेट परिसर तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का लंबे समय से शोषण कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर उनकी मांगों की उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का अहम और जिम्मेदार कार्य करती हैं। लेकिन लगातार उनकी उपेक्षा की जा रही है। कहा कि सरकार जल्द हमारी मांगों के समाधान को लेकर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो आगामी सत्र के दौरान विधान सभा का घेराव किया जाएगा।  जिलाध्यक्ष पूनम कैंतुरा ने कहा कि एक दिवसीय प्रदर्शन में पौड़ी, कल्जीखाल, खिर्सू, पाबौ, एकेश्वर, पोखड़ा, रिखणीखाल, जयहरीखाल, द्वारीखाल, यमकेश्वर, दुगड्डा सहित सभी विकास खंडों से आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी आंनबाड़ी कार्यकत्रियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर देहरादून में आंदोलन किया। जिस पर सरकार ने उनकी मांगों का निस्तारण दो माह में किये जाने का आश्वासन दिया।  लेकिन दो माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सरकार उनकी मांगो पर कोई नतीजा निकालने में असफल रही। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मचारी विषम परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा रही हैं। मानदेय बढ़ाने को लेकर पूर्व में भी सरकार से कई बार मांग की गई। इसके बावजूद भी सरकार अपने अड़ियल रवैये पर स्थिर है। जो कि प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे  कर्मचारियों में खासा रोष भी पनप रहा है। इस मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं ने मानदेय 18 हजार करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस मौके पर मंजू भट्ट, सरस्वती, मीना नेगी, अनीला, ज्योति, दीना रावत, बसंती, अनीता, बिमला, ऊषा रावत, अंबिका आदि शामिल रहे।

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