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कनिमोझी का आयुष सचिव पर आरोप, हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वालों को वेबीनार से जाने को कहा

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नई दिल्ली। द्रमुक सांसद कनिमोझी ने एकबार फिर भाषाई विवाद के मसले को उछाला है। कनिमोझी ने आयुष सचिव पर आरोप लगाया है कि अधिकारी ने मंत्रालय के एक वेबीनार के दौरान हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वाले प्रतिभागियों को सत्र को छोड़कर जाने के लिए कहा था। द्रमुक सांसद (ज्ञंदपउव्रीप) ने इस मामले की शिकायत करते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाईक को एक चिट्ठी लिखी है। कनिमोझी ने अपनी शिकायत में मामले की जांच कराए जाने की भी मांग की है।
इससे पहले भी द्रमुक सांसद कनिमोझी ने कथित भाषाई भेदभाव का मामला उछाला था। कनिमोझी ने आरोप लगाए थे कि हवाई अड्डे पर जब उन्घ्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की एक अधिकारी से तमिल या अंग्रेजी में बोलने को कहा था तब वह पूछ बैठी कि क्या आप भारतीय हैं। क्घ्या आपको हिंदी नहीं आती है़.़ इस कथित वाकए को उछालते हुए कनिमोई ने ट्वीट कर पूछा था कि मैं जानना चाहूंगी कि कब से भारतीय होना हिंदी जानने के बराबर हो गया है यानी भारतीय होने के लिए हिंदी जानना जरूरी है़.़
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी हिंदी को लेकर कथित सवाल के मामले में कनीमोझी का समर्थन किया था। चिदंबरम ने कहा था कि मुझे सरकारी अधिकारियों और आम लोगों से बातचीत के दौरान इसी तरह के अनुभव का सामना करना पड़ा है। टेलीफोन पर या आमने-सामने की बातचीत के दौरान उनका जोर रहता है कि मुझे हिंदी में ही बोलना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा था कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को दोनों भाषाओं की जानकारी होनी चाहिए। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी कनीमोझी का समर्थन किया था।
वहीं भाजपा ने कनीमोझी पर चुनावी फायदे के लिए भाषाई मसला उछालने का आरोप लगाया था। भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा था कि विधानसभा चुनाव अभी आठ माह दूर है लेकिन प्रचार शुरू हो गया है। वहीं सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनिमोझी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि महिला अधिकारी से हुई आरंभिक पूछताछ में इनकी पुष्टि नहीं हुई। पूछताछ के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि उक्घ्त अधिकारी ने वह शब्द नहीं कहे थे जैसा कनिमोझी जिक्र कर रही हैं। एजेंसी

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