वाहन स्वामिनी की अपील खारिज
अल्मोड़ा। लॉकडाउन के दौरान कार से शराब की तस्करी के मामले में जिला जज मलिक मजहर सुल्तान ने दायर अपील खारिज कर दी है। न्यायालय में तर्क दिया गया था कि वाहन स्वामिनी पत्नी को बगैर जानकारी दिए चालक पति वाहन चला रहा था। इस तथ्य को जिला न्यायालय ने अस्वीकार करते हुए जिला कलक्टर के वाहन जब्त करने संबंधी पूर्व में दिए आदेश को पुष्ट करार दिया। मामला बीते वर्ष वैश्विक महासंकट के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान का था। तब कोरोना से जंग के लिए महामारी व आपदा प्रबंधन एक्ट प्रभावी था। उस समय चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक कार से 18 पेटी विदेशी मदिरा की बरामद की। चालक गधोली निवासी सुंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता लगा कि कार उसकी पत्नी मुन्नी देवी के नाम पर थी। जिला मजिस्ट्रेट/ कलक्टर नितिन सिंह भदौरिया की अदालत में यह वाद चला। उन्होंने महामारी के दौर में शराब तस्करी में प्रयुक्त कार को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त करने का आदेश पारित किया। साथ ही विकल्प दिया कि वाहन स्वामिनी 40 हजार रुपये अर्थदंड के रूप में राज्य सरकार के पक्ष में जमा करा सकती हैं। इस फैसले के खिलाफ मुन्नी देवी ने जिला जज मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में अपील दायर की। जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज सिंह लटवाल ने राज्य सरकार की ओर से मजबूत पक्ष रखते हुए दलील दी कि वाहन स्वामिनी व चालक पति-पत्नी हैं। वाहन स्वमिनी बचाव में ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सकी। जिला जज ने तीन दिसंबर 2020 को जिला कलक्टर के वाहन जब्त करने के आदेश की पुष्टि करते हुए वाहन स्वामिनी की अपील खारिज कर दी।