उत्तराखंड

14 अप्रैल को ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा

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देहरादून। संविधान, लोकतंत्र और विपक्ष को कुचलने का आरोप लगाते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों का विचार मंथन शहर के एक होटल में आयोजित हुआ। विचार मंथन में एकजुटता से कार्य करते हुए संविधान, संवैधानिक लोकतंत्र, बहुदलीय प्रणाली को बचाने का संकल्प लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संयुक्त रूप बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र की लोकतंत्र, संविधान और विपक्ष की आवाज को कुचलने के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दल एकजुट हैं। रावत ने कहा कि जो राजनीतिक दल, सामाजिक या सांस्तिक संगठन एकाधिकार वाली प्रवृति के खिलाफ हैं, उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। यह घटनाक्रम लंबे समय से चल रहा है और राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने का सड्यंत्र इसकी पराकाष्ठा है। वैचारिक विभिन्न के बावजूद लोकतंत्र बचाने के लिए राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन एकजुट हैं। एकाधिकार पूंजीवाद की सोच और प्रवृति के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी। संचालन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार ने किया। तय किया गया कि संविधान निर्माता ड़ भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सीपीएम से सुरेंद्र सजवाण, सीपीआई से समर भंडारी, रवींद्र जगी, उत्तराखंड क्रांति दल से काशी सिंह ऐरी, समाजवादी पार्टी से ड़ एसएन सचान, संजय मल्ल, ट्रेड यूनियन नेता से जगदीश कुकरेती, राष्ट्रवादी पार्टी से नवनीत गुसाईं, जेडीएस से हरजिंदर सिंह, तृणमूल कांग्रेस से राकेश पंत, सर्वोदय आंदोलन से हरवीर कुशवा, पूर्व आईएएस एसएस पांगती, निर्मला बिष्ट, विजय शुक्ला, वीरेंद्र त्यागी, आदि ने हिस्सा लिया।

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