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आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आहत किसान ने की जहर खाकर आत्महत्या

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-किसान ने सुसाइड नोट में मौत के लिए आरोपियों को जिम्मेदार ठहराया
हरिद्वार। हरिद्वार में पथरी थाना क्षेत्र के नई कुंडी गांव में मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आहत एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। किसान ने सुसाइड नोट में मौत के लिए आरोपियों को जिम्मेदार ठहराया है। किसान की मौत से गुस्साए परिवार के लोगों के साथ ग्रामीणों ने फेरुपुर चौकी के पास सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस ने बमुश्किल लोगों को समझाकर जाम खुलवाया और आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, नई कुंडी निवासी मांगेराम (55) पुत्र आत्माराम का गांव के ही सुखविंदर और नीटू के साथ तीन दिन पहले पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों पक्षों के बीच गालीगलौज और मारपीट हुई। मांगेराम ने दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी थी। आरोपी सगे भाई हैं। पुलिस जांच करने आरोपियों के घर पहुंची तो दोनों शादी समारोह में गए थे। पुलिस परिवारजनों से आरोपियों को थाने भेजने की चेतावनी देकर लौट आई। आरोपी जब रात को घर लौटे तो पुलिस के आने की जानकारी मिली। आरोप है कि इसके बाद दोनों आरोपियों ने मांगेराम पर समझौता करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।परिवारजनों के मुताबिक मंगलवार सुबह मांगेराम अपने खेतों की ओर चले गए। शाम तक नहीं लौटे तो मांगेराम की खोजबीन शुरू की गई। रात करीब नौ बजे मांगेराम का शव खेत में ट्यूबवेल के पास मिला। पास में ही जहर की शीशी पड़ी थी। परिजनों की सूचना पर पुलिस घटना स्थल पहुंची और तलाशी में सुसाइड नोट बरामद किया। मांगेराम ने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार सुखविंदर और नीटू को ठहराया है। पुलिस पर भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मंगलवार रात ही शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर दोपहर करीब एक बजे फेरुपुर चौकी पहुंचे। चौकी के पास शव सड़क पर रखकर पुलिस और आरोपियों के खिलाफ नारेबाजी की। इससे करीब एक घंटे तक हरिद्वार-लक्सर मार्ग पर जाम लग गया। पुलिस ने समझाकर जाम खुलवाया।
पुलिस और आरोपी हैं जिम्मेदार: मांगेराम के बेटे अमित और सुमित ने आरोप लगाया कि उनके पिता की मौत के जिम्मेदार पुलिस और आरोपी हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए और समझौते का दबाव बनाने लगे। इससे पिता आहत हो गए और उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस तत्परता दिखाती तो नहीं जाती किसान की जान: मांगेराम की तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती। पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने उनके घर तो गई, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया। इससे आरोपियों ने मांगेराम पर समझौते का दबाव बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, पुलिस का दावा है कि मंगलवार शाम मांगेराम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा कितने बजे दर्ज हुआ, इसकी जानकारी देने से बच रही है।
मांगेराम का पैसों के लेनदेन को लेकर ग्रामीण सुखविंदर और नीटू से झगड़ा हुआ था। मांगेराम की तहरीर पर पुलिस आरोपियों के घर गई। आरोपियों को थाने आने के लिए कहा गया था। उनके थाने नहीं पहुंचने पर मंगलवार शाम आरोपियों के खिलाफ मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी फरार हैं।- सुखपाल सिंह मान, थानाध्यक्ष

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