कोटद्वार-पौड़ी

आशा कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर किया प्रदर्शन

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मांगों को लेकर पीएम और सीएम को भेजा ज्ञापन
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन ने वेतन भोगी बनाने सहित 21 सूत्रीय मांगों के हल की मांग को लेकर बुधवार को रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द ही समस्याओं के निस्तारण की मांग की। इस दौरान आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बुधवार को आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैस्टिलेटरों ने वेतनभोगी बनाने, ठेका प्रथा बंद करने, आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति लागू करते हुए सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने, 5 लाख बीमा करवाने, सभी कार्यों के भुगतान हर महीने करने सहित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने रामलीला मैदान से डीएम कार्यालय तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन की जिलाध्यक्ष सावित्री रावत, जिलामंत्री बबीता नौटियाल, किरन चंदोला, संजू रावत, पिंकी रावत, सुनीता, ऊषा देवी, संगीता, अनीता, दुर्गा आदि शामिल थे।
रिखणीखाल और नैनीडांडा प्रभावित क्षेत्र में नहीं दिख रहा बाघ
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक के बाघ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बाघ की दहशत से निजात नहीं मिल पा रही है। वन विभाग की टीमें अभी तक बाघ को नहीं पकड़ पाई है, जिससे ग्रामीण दहशत में है।
वन विभाग की टीमों ने प्रभावित गांवों में डेरा डाला हुआ है, लेकिन बीते दो दिनों से बाघ की कोई भी गतिविधि क्षेत्र में देखने को नहीं मिल पाई है। बाघ न तो ट्रैपिंग कैमरों में ही कैद हो पाया और न हीं गश्त कर रही वन विभाग की टीम को दिखाई दिया है। नैनीडांडा के तिलखेरा के ग्राम प्रधान सतेंद्र रावत ने बताया कि घोड़कंद तल्ला में लगातार बाघ देखने को मिल रहा है। वहीं अभी तक की जांच पड़ताल में यह साफ हो चुका है कि रिखणीखाल में दो और नैनीडांडा में एक बाघ सक्रिय है वन महकमे के कैमरों में ये ट्रैप हुए है। बाघ ने पहले रिखणीखाल के डल्ला में तो उसके चार दिन बाद नैनीडांडा के भैड़गांव में हमला किया था। तभी से यहां बाघ को लेकर लोगों में दहशत बनी हुई है। वन संरक्षक गढ़वाल सर्किल पंकज कुमार ने बताया कि टीम क्षेत्र में बनी हुई है। लेकिन बीते दो दिनों से बाघ की कोई गतिविधि नजर नहीं आई है। बाघ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है और वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहा है। वन्य जीव विशेषज्ञों की टीम ने भी यहां आकर जानकारी जुटाई है। क्षेत्र में तीन बाघ कैमरों में ट्रैप हुए है। इन पर नजर रखी जा रही है।

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