आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, आप विधायकों ने किया चुनाव
-अरविंद केजरीवाल ने नाम का प्रस्ताव रखा था
नईदिल्ली,दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है।मंगलवार को 10:30 बजे पार्टी के सभी विधायक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंच गए थे, जहां कुछ घंटों की मंत्रणा के बाद यह फैसला लिया गया।केजरीवाल शाम को 4:30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नए मुख्यमंत्री की जानकारी देंगे।आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिस पर सभी विधायकों ने अपनी सहमति जताई है।आतिशी को सर्वसम्मति से विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता भी चुना गया है।केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली सरकार 26 और 27 सितंबर को दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाएगी।विधायकों की बैठक से पहले कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह कोई मायने नहीं रखता है कि कौन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ रहा है, मुख्यमंत्री कोई भी बने लेकिन समर्थन केजरीवाल को ही रहेगी।उन्होंने कहा कि जिस तरह भरत ने भगवान राम के वनवास जाने पर उनके खड़ाऊ राजगद्दी पर रखकर 14 साल तक शासन किया था, उसी तरह कुछ महीने पार्टी का नेता यह काम करेगा।उन्होंने सुनीता भारद्वाज के नाम से इंकार किया था।दिल्ली में शराब नीति को लेकर कथित घोटाले में जेल में रहे केजरीवाल ने जमानत मिलने पर जनसभा को संबोधित करते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी।उन्होंने कहा था, मैं 2 दिन बाद इस्तीफा देने जा रहा हूं और लोगों से पूछूंगा कि क्या मैं ईमानदार हूं। जब तक वे जवाब नहीं देते, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा…मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा जब लोग मुझे ईमानदारी का सर्टिफिकेट देंगे। मैं अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं।आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली में हुआ था।उन्होंने नई दिल्ली से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मास्टर डिग्री हासिल की। आतिशी आप की स्थापना के समय ही पार्टी में शामिल हो गई थीं। हालांकि, उन्होंने विधानसभा चुनाव 2020 में लड़ा और कालकाजी विधानसभा सीट से जीत हासिल की।2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी।