कोटद्वार-पौड़ी

नहीं ली जा रही सुध, पानी को तरस रही ग्राम सभाएं

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जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार : यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत 15 गांव में बनी समस्या का अब तक निराकरण नहीं हो पाया है। लाख शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम लापरवाह बना हुआ है। ग्रामीणों को पानी की तलाश में प्राकृतिक स्रोतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने जल्द समस्या का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
डांगी, परंदा, पठोला, कोबरा, बंचूरी, रिखेण, रावत गांव, चोपड़ा सहित अन्य गांव को पेयजल योजना से जोड़ने के लिए 1996 में योजना बनाई गई थी। इसके लिए गांव के समीप बहने वाली हेंवल नदी से गांव तक पेयजल लाइन बिछाई गई। लेकिन, पिछले कई सप्ताह से नदी में लगी हाईड्रम मशीन ठीक से कार्य नहीं कर रही। नतीजा, गांव तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। समाज सेवी विजय लखेड़ा ने बताया कि दशकों पुरानी हाईड्रम मशीन की मरम्मत नहीं करवाई गई है। सबसे अधिक परेशानी गांव में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को हो रही है। ग्रामीणों का पूरा दिन केवल पानी की तलाश में ही बीत रहा है। ऐसे में ग्रामीणों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने पुरानी हाईड्रम मशीन को बदलकर उसके स्थान पर नई मशीन लगवाने की मांग की है। कहा कि ग्रामीणों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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