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आयुर्वेद को बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए: नैथानी

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देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने अपनी काम की बात के तहत युग तथा वेद एवं आयुर्वेद में वर्णित औषधीय जड़ी बूटी के उत्पादन एवं कृषिकरण पर उत्तराखंड की दशा एवं दिशा विषय पर फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो अकेला पूरे देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी जड़ी बूटियों की आवश्यकता को पूरी कर सकता है। जिससे हमारे लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के साथ साथ प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगा। पूर्व मंत्री ने सरकार से मांग की कि आयुर्वेद को बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए। उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आयुर्वेद विद्यालय एवं महाविद्यालय अविलंब खोले जाएं। पर्वतीय क्षेत्र में मिलने वाली जड़ी बूटियों के संरक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु सरकारी शोध संस्थान खोले जाए साथ ही वनस्पति उद्यानों की व्यवस्था की जाए। लुप्त प्रजातियों का संरक्षण किया जाए। जड़ी बूटी कृषिकरण को बढ़ावा दिया जाए। जड़ी बूटियों के प्रशिक्षण हेतु ग्रामीण अंचलों में व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला स्तर पर 50 शैयाओं वाला आयुर्वेदिक अस्पताल खोला जाए एवं ब्लाक स्तर पर 20 शैयाओं वाला अस्पताल खोला जाए। वनौषधि डिपो व्यवस्था ग्राम समितियों को प्रदान की जाए। सीमांत क्षेत्रों में भोटिया लोगों से तिब्बती जड़ी बूटियों की जानकारी ली जाए। सरकार वनौषधि संस्थान की स्थापना तत्काल करे। आयुर्वेद फार्मेसी अविलंब खोली जाए। पूर्व मंत्री ने कहा कि जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान गोपेश्वर चमोली को केंद्र द्वारा स्वायत्तशासी बनाया जाए। सगंध पादप अनुसंधान संस्थान सेलाकुई विकासनगर की समीक्षा की जाए। नैथानी ने कहा कि उद्यान विभाग को जड़ी-बूटी उत्पादन के लिए बढ़ावा देने हेतु एक निश्चित कार्य योजना तैयार की जाए। मैदानी एवं पर्वतीय क्षेत्रों में भौगोलिक जलवायु के अनुसार चमोली, पिथौरागढ़, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों में औषधीय पादप नर्सरी की प्रगति धीमी गति से चल रही है उन्हें सहयोग किया जाए। वन संपदा पर आधारित लघु उद्योग शिविर खोले जाएं। वर्तमान सरकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी द्वारा चयनित 13 जनपदों के 74 जड़ी बूटी क्लस्टरों को बढ़ाने हेतु बजट मुहैया कराए।वर्तमान सरकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी द्वारा चयनित 13 जनपदों के 74 जड़ी बूटी क्लस्टरों को बढ़ाने हेतु बजट मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि चरक का डांडा में आयुष का केंद्र खोला जा रहा है उसको तत्काल कार्रवाई में जाए। आयुर्वेद के विकास हेतु विश्व स्तरीय सम्मेलन उत्तराखंड में करवाया जाए। नैथानी ने कहा कि कांग्रेस उत्तराखंड में जड़ी बूटी के संवर्धन एवं कृषिकरण हेतु 2021 से 2031 तक आयुष प्रदेश बनाने के लिए एक दशक की यात्रा का कार्यक्रम बनाएगी। जिससे पूरे विश्व में जड़ी बूटी उत्पादन हेतु उत्तराखंड की आयुष प्रदेश के रूप में पहचान बन सके एवं बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके व पलायन रुक सके। इसके लिए कांग्रेस 10 चरणों में जड़ी बूटी उत्पादन एवं कृषिकरण जागरण एवं क्रियान्वयन कार्यक्रम उत्तराखंड के सभी 16882 गांवों में एवं नगरीय क्षेत्रों में चलाएगी।उन्होंने मांग की कि केंद्र एवं राज्य सरकार उत्तराखंड को जड़ी-बूटी उत्पादन हेतु विशेष पैकेज औद्योगिक पैकेज की तरह प्रदान करे।

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