राजस्थान से अगवा कर दो युवकों को जिंदा जलाया, बजरंग दल व सीआईए पर अपहरण के बाद हत्या का आरोप
भिवानी (हरियाणा), एजेंसी। राजस्थान की सीमा से सटे लोहारू कस्बे के गांव बारवास की बणी में गुरुवार सुबह लावारिस हालात में बोलेरो में जिंदा जलाए गए दो युवकों के कंकाल मिले हैं। ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह बणी के अंदर जली हुई बोलेरो के बारे में सूचना डायल 112 पर दी। इसके बाद लोहारू के डीएसपी और पुलिस मौके पर पहुंची। बोलेरो की पिछली सीट पर दो लोगों के जली हुई हालत में सिर्फ कंकाल बचे थे। गाड़ी पर नंबर प्लेट तक जल चुकी थी।
पुलिस ने चेसिस नंबर से गाड़ी का पता लगाया। इसके बाद मृतकों की पहचान राजस्थान के जिला भरतपुर के गोपालगढ़ पुलिस थानाक्षेत्र के गांव घाटमिका निवासी जुनैद और नासिर के रूप में हुई। मृतक के परिजनों ने फिरोजपुर झिरका सीआईए और बजरंग दल सदस्यों पर दोनों को अपहरण कर मारपीट के बाद जिंदा जलाकर उनकी हत्या का आरोप लगाया है। इस मामले गो-तस्करी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
राजस्थान के भरतपुर जिले के गोपालगढ़ पुलिस थाने में मृतक के चचेरे भाई इस्माइल ने नासिर और जुनैद के अपहरण के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मृतक के भाई का आरोप है कि उसके दो चचेरे भाई नासिर और जुनैद दोनों अपनी बोलेरो से भोरू वास सीकरी ससुराल गए थे। मंगलवार की रात को वहीं रुक गए थे। बुधवार की सुबह छह बजे वह बोलेरो से लौट रहे थे। आरोप है कि करीब आठ-दस लोगों ने उनकी बोलेरो को रोक लिया और उनके साथ मारपीट की। इसके बाद आरोपियों ने दोनों का बोलेरो सहित अपहरण कर ले गए।
वहीं, मृतक के चचेरे भाई इस्माइल का आरोप है कि फिरोजपुर झिरका सीआईए और बजरंग दल के मोनू मानेसर व रिंकू सैनी, फिरोजपुर झिरका ने अपने साथियों के साथ उनके दोनों भाइयों की गाड़ी का पीछा किया। सीआईए की गाड़ी ने आगे से टक्कर मारी और बजरंग दल सदस्यों ने उनकी गाड़ी को पीटे से टक्कर मारकर रोक लिया। फिर मारपीट कर दोनों को अधमरा कर दिया। उन्हें थाने ले जाया गया।
आरोप है कि थाने की पुलिस ने वापस ले जाने को कह दिया। इसके बाद दोनों को बोलेरो में ही भिवानी जिले के लोहारू के गांव बारवास की बणी में ले जाकर जिंदा जलाकर मार डाला। परिजनों ने दोनों युवकों के अपहरण, मारपीट के बाद उनकी हत्या के बाद शव खुर्द-बुर्द किए जाने के आरोप भी सीआईए फिरोजपुर झिरका व बजरंगदल सदस्यों पर लगाए हैं। फिलहाल भिवानी पुलिस दोनों जले हुए कंकालों को कब्जे में लेकर जांच में जुटी है।
पुलिस ने जली हुई बोलेरो के चेसिस नंबर से दोनों मृतकों के बारे में पता लगाया। इसके बाद भरतपुर गोपालगढ़ पुलिस थाना के एसएचओ रामनरेश लोहारू पुलिस थाना पहुंचे। एसएचओ ने दोनों मृतकों की पहचान गांव घाटमिका निवासी नासिर और जुनैद के रूप में कर दी। इसके बाद मृतक के परिजनों को भी बुलाया गया।
बोलेरो के अंदर दो लोगों के जली हुई हालत में कंकाल मिले हैं। इन दोनों के अपहरण और मारपीट का केस भरतपुर जिले के गोपालगढ़ पुलिस थाने में दर्ज है। मृतकों की शिनाख्त डीएनए के जरिये ही कराई जाएगी। भिवानी पुलिस इस संबंध में परिजनों के बयान दर्ज कर हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई करेगी। – अजीत सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक भिवानी।
जानकारी के अनुसार, रेलवे पुलिस व अधिकारी हार्डवेयर दुकान के बाहर खड़े होकर विरोध कर रहे लोगों से बातचीत कर ही रहे थे कि अचानक दुकान में आग लग गई।
दुकान में खड़े दुकानदार के शरीर में आग लगी थी। पास खड़े लोगों तथा पुलिस कर्मियों ने आग से जल रहे दुकानदार को बचाने के लिए प्रयास किया। घटना स्थल पर मौजूद पुलिस प्रशासन का कहना था कि दुकानदार अनिल कुमार गुप्ता ने आत्मदाह का प्रयास किया। उसे बचाने में दुकानदार के बड़े भाई अजीत कुमार गुप्ता, आदित्य कुमार गुप्ता और पास में कचरी दुकान लगाने वाले कन्हाई जख्मी हो गए। सभी को इलाज के लिए लोग निजी अस्पताल ले गए। वहीं, नीम की भट्ठी क्षेत्र निवासी जख्मी अनिल कुमार की पत्नी सोनी कुमारी, भाभी रानी कुमारी व अन्य का आरोप था कि आग दुकानदार ने खुद से नहीं, बल्कि अतिक्रमण हटाने आए लोगों ने लगाई है।
भीड़ में कुछ लोग कहते सुने गए कि दुकानदार ने अपनी ही दुकान का थिनर सिर व शरीर पर डालकर आग लगा ली। स्वजन इस बात को गलत बता रहे हैं। आग लगने से ठीक पहले दुकानदार और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बहस हुई थी। पुलिस प्रशासन द्वारा रेलवे लाइन किनारे बने पक्का मकान व दुकान को तोड़ने का प्रयास करने के दौरान आग लगने की घटना के बाद उग्र हुई भीड़ ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर पथराव शुरू कर दिया।
रेलवे पुलिस, अधिकारी व कर्मी जान बचाकर भागे। भीड़ ने जेसीबी पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद मेहंद्गीगंज, आलमगंज, अगमकुआं समेत कई थानों की पुलिस घटना स्थल पहुंची। लोग तितर-बितर हो गए, लेकिन घटनास्थल पर तनाव बरकरार है।
मेहंदीगंज गुमटी से पश्चिम में रेलवे लाइन किनारे दर्जनभर पक्का निर्माण है। इसमें मकान, हार्डवेयर दुकान, चाय नाश्ते की होटल व अन्य दुकानें खुली हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे पुलिस व अधिकारी दलबल के साथ पहुंचे थे। इस कार्रवाई को रोकने की गुहार लगाते हुए आंदोलन कर रहे महिला-पुरुष ने कहा कि उनके पूर्वज 1932 से पहले से यहां रहते आ रहे हैं। रेलवे प्रशासन द्वारा नौ फरवरी को नोटिस दिया गया था। नोटिस की अवधि समाप्त होते ही गुरुवार को टीम अतिक्रमण हटाने पहुंच गई। प्रभावित लोगों का कहना था कि मामला न्यायालय में लंबित है। 24 फरवरी को सुनवाई होनी है। ऐसे में अधिकारी से दो दिन की मोहलत मांग रहे थे। आग से झुलसे दुकानदार अनिल कुमार व अन्य लोगों के स्वजन रो-रोकर एक ही बात कह रहे थे कि राजनीतिक षड्यंत्र रचकर पूरी कार्रवाई की गई है। जख्मी अनिल की पत्नी व भाभी ने कहा कि घायल को कुछ हुआ तो साजिश के तहत की गई इस कार्रवाई के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेंगे।
सड़क और रेलवे लाइन को सुरक्षित करने के लिए यह जरूरी था। इस बीच मेहंदीगंज गुमटी के समीप इस अतिक्रमण के कारण कुछ दूरी तक चहारदीवारी नहीं हो सकी है। एसडीओ मुकेश रंजन ने बताया कि पूर्व मध्य रेलवे के संपदा पदाधिकारी के पत्र के आलोक में रेलवे की भूमि पर ओम प्रकाश शाह एवं जय प्रकाश शाह ने अनाधित रूप से कब्जा किया है।