गुजरात दंगे पर बीबीसी डाक्यूमेंट्री औपनिवेशक मानसिकता से प्रेरित: भारत
नई दिल्ली, एजेंसी। दो दशक पहले गुजरात में हुए दंगे पर बीबीसी की तरफ से तैयार एक डक्यूमेंट्री को भारत ने औपनिवेशिक मानसिकता से प्रेरित, और गुमराह करने वाला करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची ने इस डक्यूमेंट्री के जरिए पीएम नरेन्द्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को प्रोपेगंडा करार दिया है। भारत की यह तीखी प्रतिक्रिया तब आई है जब ब्रिटेन के पीएम रिषि सुनक ने भी इस डाक्यूमेंट्री में दिए गए तथ्यों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इसमें जिस तरह का चरित्र दिखाने की कोशिश की गई है उससे सहमत नहीं है।
उधर, तत्कालीन विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी कहा है कि बतौर विदेश सचिव वर्ष 2002 के दंगे के दौरान ब्रिटेन उच्चायुक्त की तरफ से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने पर चेतावनी दी थी। बागची ने कहा कि, यह डाक्यूमेंट्री भारत में दिखाने के लिए नहीं है। हमें लगता है कि यह दुष्प्रचार का ही एक हिस्सा है जो एक खास तरह की अप्रतिष्ठित नजरिए को आगे बढ़ाता है। यह पक्षपातपूर्ण है और सही मायने में पूछा जाए तो औपनिवेशिक मानसिकता से प्रेरित है।
यह इसे बनाने वाली एजेंसी या उसके निर्माता की सोच को भी बताता है जो इस तरह के नजरिए को काफी समय से आगे बढ़ाते रहे हैं। सही मायने में हम इस तरह की कोशिश को कोई भाव नहीं देना चाहते। बीबीसी की इस डाक्यूमेंट्री का नाम है श्इंडियारू द मोदी क्वेश्चनश्। दावा किया गया है कि बीबीसी ने ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय से लिए गये गोपनीय कागजातों के आधार पर इसे तैयार किया है। ये गोपनीय कागजात वर्ष 2002 में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के तरफ से अपने हेडक्वार्टर को भेजे गये रिपोर्ट से संबंधित हैं।
गुरुवार को इस बारे में एक अहम खुलासा तब के विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने की है। उन्होंने कहा है कि, श्मैं उस समय विदेश सचिव था। मुझे उस समय ब्रिटेन के उच्चायोग ने जो गड़बडिघ्यां की थी उसके बारे में जानकारी है। तब उच्चायोग ने अपनी टीम गुजरात भेजी थी और एक बहुत ही आपत्तिजनक रिपोर्ट दिल्ली में यूरोपीय संघ (ईयू) के दूसरे राजदूतों को भेजी थी। ईयू के एक राजनयिक ने मुझे इसके बारे में जानकारी दी तो मैंने उन्हें चेतावनी दी कि वह हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नही करे।श्
बीबीसी की इस विवादित डाक्यूमेंट्री को ब्रिटेन के संसद में पाकिस्तानी मूल के एक सांसद इमरान हुसैन ने उठाया था। लेकिन पीएम सुनक ने साफ तौर पर कहा है कि इसमें जिस तरह से माननीय नेता (पीएम मोदी) का चरित्र दिखाया गया है उससे वह सहमत नहीं है। ब्रिटेन में रहने वाले भारतवंशी भी इस रिपोर्ट के खिलाफ लगातार सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।