भीरी-राजमाता पैदल पुल पर नहीं हो पा रही आवाजाही
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में बीते तीन साल से क्षतिग्रस्त भीरी-राजमाता पैदल पुल का पुश्ता आज तक ठीक नहीं किया गया है जिससे क्षेत्रीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही है। ग्रामीणों द्वारा कई बार शासन-प्रशासन और विभाग को अवगत कराया गया है किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिससे लोग इस पुल पर आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं।भीरी, डमार, टेमरिया, फेगू, नागजगाई, तिनसोली, बरम्वाड़ी, बष्टी आदि ग्राम सभाओं एवं भीरी (डमार) न्याय पंचायत में कई गांव को यही भीरी-राजमाता पैदल पुल 1889 से जोड़ता आया है। वर्ष 2013 की आपदा में यह पुल तीर्थयात्रियों के साथ ही राहत-बचाव और अनेक गतिविधियों के लिए बरदान साबित हुआ। बीते कई समय से पुल के बगल की दीवार क्षतिग्रस्त है इससे पुल को खतरा बना है साथ ही, दुकान और आवासीय भवन भी खतरे की जद में है। ग्राम प्रधान आरएस नेगी, सरपंच शिवानंद सेमवाल, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नेगी, सुनील चौहान, रशीद अहमद, दिनेश लाल, लक्ष्मण चौहान, उप प्रधान कलावती देवी, विजयलक्ष्मी पंवार, गिरीश चौहान, कुंवर सिंह आदि ने कहा कि इस पुल से हर दिन करीब 500 लोगों की आवाजाही होती है जबकि घोड़े खच्चर और मवेशी भी इसी पुल से होकर जाते हैं। स्कूली बच्चों का भी इसी पुल से रास्ता है बावजूद, शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराने पर भी पुल के समीप क्षतिग्रस्त भाग का सुधारीकरण नहीं हो रहा है जबकि यहां गिरे पेड़ को नहीं हटाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र पुल पर आवाजाही कराने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित कराने की मांग की है।