कैबिनेट बैठक: कोविड में अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी ली उत्तराखण्ड सरकार ने, पर्यटन कारोबारियों व कार्मिकों को राहत पैकेज, ग्रामीण क्षेत्रों के नक्शे भी पास करेगा डीडीए
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य सचिवालय में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक में वात्सल्य योजना को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत उत्तराखंड सरकार कोविड में माता-पिता को खो चुके बच्चों का सहारा बनेगी। वहीं कोविड से पर्यटन व्यवसाय को हुए नुकसान पर व्यवसायियों को राहत देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। पर्यटन कारोबार को हुए नुकसान की वजह से कर्मियों को 2500 रुपये दो महीने के लिए दिए जाएंगे। ट्रेवल्स, टूर ऑपरेटर, राफ्टिंग, गाइड आदि को आर्थिक सहायता दी जाएगी। पर्यटन में नवीनीकरण शुल्क माफ किया जाएगा।
कोविड की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वरोजगार (सूक्ष्म कार्य) योजना को मंजूरी दी गई है। इससे 20 हजार लोगों को फायदा होगा। इसके लिए 10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें 5 करोड़ रुपये हंस फाउंडेशन देगा। छोटे कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। 10 हजार से 15 हजार रुपये के प्रोजेक्ट पर 5 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। वहीं शिल्पकार प्रोत्साहन योजना जारी रहेगी। कैबिनेट ने योजना की अवधि को पांच साल बढ़ाया है।
इन प्रस्तावों को दी गई मंजूरी:
– कोविड प्रभाव को देखते हुए सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत वात्सल्य योजना को मंजूरी। यह मार्च 2020 से मार्च 2022 तक लागू रहेगी, इसके अंतर्गत बच्चे के माता-पिता अथवा संरक्षक की मृत्यु होने पर उस बच्चे को 21 वर्ष तक 3000 रुपये प्रति माह, नि:शुल्क राशन, शिक्षा इत्यादि की सुविधा दी जाएगी।
– शिल्पकार प्रोत्साहन योजना को 05 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय। इसके अंतर्गत 25 शिल्पकारों को 01 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा।
– कोविड प्रभाव में उद्योगों के नुकसान की भरपाई के लिये 28 करोड़ 99 लाख रुपये पर्यटन व्यवसायियों को दिया जाएगा।
– सोहन सिंह जीना आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा के कालेज परिसर एवं संबद्ध गोवर्धन तिवारी राजकीय बेस चिकित्सालय अल्मोड़ा के अवशेष चालू कार्य उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम करेगा, जबकि नये कार्य पेयजल निर्माण निगम करेगा।
– उत्तराखण्ड साहुकारी विनियमन नियमावली 2018 को मंजूरी।
– केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रशासनिक भवन कमांड कंट्रोल इत्यादि के लिए भूमि की आवश्यकता को देखते हुए पुराने गढ़वाल विकास निगम के 08 भवनों को ध्वस्तीकरण की अनुमति दी गई।
– बदरीनाथ में 100 करोड़ की लागत से बाढ़ नियंत्रण हेतु वेबकास्ट को कार्यदायी संस्था बनाया जाएगा।
– होटल अलकनन्दा (हरिद्वार) के पुनर्निर्माण में आरोपित शुल्क 50 लाख 76 हजार 335 रुपये में से लेबर सेस निकालकर 39 लाख 62 हजार 492 रुपये किया गया।
– पूर्व जिला विकास प्राधिकरण के बाहर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बैंक संबंधि ऋण प्राप्त करने के लिए यदि अपना नक्शा पास कराना चाहते हैं तो जिला विकास प्राधिकरण में आवेदन कर सकते हैं, अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शा पास कराने की अनिवार्यता नहीं है।
– उत्तरकाशी के तेखला में न्याय विभाग के आवासीय भवन तथा विश्वनाथ मंदिर के पास लोक निर्माण के आवासीय भवन का भूमि स्थानांतरण न्याय विभाग को करने का निर्णय किया गया।
– राजकीय उद्योग से संबंधित शेड/भूखण्डों के आवंटन/निरस्तीकरण/स्थानांतरण/किराए का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया।
– अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में ऊधमसिंह नगर के अंतर्गत समेकित निर्माण समूह बनाए जाने के लिए एक हजार एकड़ की भूमि 150 किमी के अंतर्गत कॉरिडोर के रूप में देने का निर्णय किया गया।