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सीडीएस बिपिन रावत का उत्तराखंड से गहरा नाता

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एक दिसंबर को गढ़वाल विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में भी हुए थे शामिल
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : सीडीएस बिपिन रावत का उत्तराखंड से गहरा नाता है। रावत कई बार उत्तराखंड दौरे पर आ चुके हैं। सीडीएस रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था। उनका पैतृक गांव सैंणा, पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल ब्लॉक में पड़ता है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई देहरादून में हुई थी जिसके बाद वह शिमला चले गए थे। सीडीएस रावत ने खड़गवासला स्थित एनडीए ज्वाइन कर लिया था। आईएमए से पासआउट होने के बाद सीडीएम रावत 16 दिसंबर 1978 को गोरखा रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त कर ऑफिसर बने थे। आईएमए में सीडीएस रावत को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से भी नवाजा गया था।
उत्तराखंड से जुड़े कई मुद्दों पर सीडीएम रावत हमेशा से सक्रिय रहे हैं। चाहे, भारत-चीन बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की बात हो या फिर सेना भर्ती की बात हो, सीडीएस रावत ने हमेशा ही पहल करते हुए हर समस्या का हल निकाला है। हाल ही में वह गढ़वाल विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में एक दिसंबर को भी उत्तराखंड आए थे। इससे पहले वह उत्तराखंड स्थापना दिवस नौ नवंबर को भी देहरादून आए थे। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के भीतर चीन का गांव बस जाने संबंधित अमेरिकी रक्षा विभाग के दावे को खारिज किया था। रावत ने दो टूक कहा कि हमारी सीमा कहां तक है यह हमें खूब पता है, हमारी सीमा में कोई गांव नहीं बसा है। अमेरिकी दावे के अनुसार, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक बहुत बड़ा गांव बनाने के साथ सेना की चौकी भी बना ली है। गढ़वाल विश्वविद्यालय में सीडीएस रावत ने छात्रों को गोल्ड मेडल और डिग्रियां भी दी थीं।
साथ ही युवाओं को आह्वान किया था नौकरी ढूंढने के बजाय नौकरी देने वाला काम करें। तमिलनाडु के कुन्नूर में विमान क्रैश होने की खबर लगते हैं कि उत्तराखंड में भी लोग पल-पल की सूचनाओं पर नजरें लगाये बैठे रहे और उनके कुशलता की कामना करते रहे, लेकिन शाम को आखिर बुरी खबर आ ही गई। उन्होंने युवाओं से आह्वान भी किया था कि वह सेना को ज्वाइन करने में आगे आएं।

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