उत्तराखंड

आशा कार्यकर्ताओं को शिशु की देखभाल का प्रशिक्षण

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उत्तरकाशी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में आशा कार्यकर्ताओं को छोटे बच्चों के लिए गृह आधारित देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने पर जोर दिया गया है।
उत्तरकाशी के रेडक्रस सभागार में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में आशाओं ने शिशुओं की देखभाल संबंधी जरूरी प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण कार्यशाला में भटवाड़ी ब्लक की आशा कार्यकर्ता व सुलभ आशा कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान कम्यूनिटी मोबलाइजर सीमा अग्रवाल ने कहा कि प्रसव के बाद नवजात के बेहतर देखभाल की जरूरत बढ़ जाती है। संस्थागत प्रसव के मामलों में शुरुआती दो दिनों तक मां और नवजात का ख्याल अस्पताल में रखा जाता है। लेकिन गृह प्रसव के मामलों में पहले दिन से ही नवजात को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। सीमा ने बताया कि शिशु जन्म के शुरुआती 42 दिन अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
इस दौरान उचित देखभाल के अभाव में शिशु के मृत्यु की संभावना अधिक होती है। इसको ध्यान में रखते हुए होम बेस्ड न्यू बर्न केयर एचबीएनसी यानि गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस मौक पर आशा कत्री ब्लक कर्डिनेटर रंजिता रावत, कविता, मंजू, सुनीता, रीना, सरिता, भरत देई, सुशीला आदि मौजूद रहे।

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