उत्तराखंड

बच्चों को कोरोना का खतरा डेंगू से भी कमश्, सरकार ने समझाया क्यों स्कूल भेजने से ना डरें पैरेंट्स

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नई दिल्ली , एजेंसी। दिल्ली समेत कई राज्यों ने स्कूलों के खोले जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं कई राज्यों में अभी भी स्कूल खोलने का फैसला नहीं हो सका है। केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर सभी राज्यों को एक लेटर लिखा है। इस लेटर राज्यों से जल्द स्कूल खोलने और फिजिकल क्लासेस चलाने के लिए कहा गया है। साथ ही इस संबंध में विभिन्न दिशानिर्देश भी दिए गए हैं। केंद्र ने स्पष्ट कहा है कि कोरोना से ज्यादा तो बच्चों के डेंगू की चपेट में आने का खतरा रहता है। वहीं सड़क हादसों में भी लोग बड़ी संख्या में जान गंवाते हैं। लेकिन कभी सड़क हादसों या डेंगू के खतरे से स्कूल तो बंद नहीं किए जाते?
केंद्र सरकार ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा है कि भारत उन चार-पांच देशों में है, जहां स्कूल 1़5 साल से अधिक समय से बंद हैं। अब बच्चों को जल्द से जल्द स्कूल वापस लाने की जरूरत है। चूंकि छोटे बच्चों में कोरोना का खतरा काफी कम है, ऐसे में पहले प्राइमरी स्कूलों को खोला जाना चाहिए। इस दौरान आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। प्राइमरी के बाद हायर क्लासेस के बच्चों को बुलाया जाना चाहिए। लेटर में कहा गया है कि विभिन्न राज्य सरकारें अभी भी सभी क्लासेस के लिए स्कूल नहीं खोल रही हैं। स्कूलों को कई तरह की चिंताएं हैं। इसमें सबसे बड़ी चिंता है कि बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है। वहीं इस बात का भी डर है कि स्कूल कोरोना सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं। थर्ड वेव और जहां स्कूल हैं, वहां पर कोरोना केसेज में तेजी आने का डर भी स्कूल खोलने से रोक रहा है। केंद्र ने लिखा है कि इस बात के वैश्विक सुबूत हैं कि स्कूलों को खोला जाना चाहिए। राज्य सरकारों को इस बारे में तत्काल विचार करना चाहिए और फिजिकल क्लासेस की शुरुआत करनी चाहिए।

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