सीएम तीरथ सिंह ने किया ’आजादी का अमृत स्मरणोत्सव’’ का उद्घाटन
देहरादून। स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का देश बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। केंद्र सरकार इस दिशा में कार्य भी कर रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आत्मनिर्भर भारत की जो कल्पना की थी, उसे मोदी सरकार पूर्ण करने का कार्य कर रही है। आजादी में वीर सावरकर, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह बातें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कार्यक्रम के दौरान कहीं। देहरादून के पवेलियन मैदान में आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने से 75 सप्ताह पूर्व से आयोजित किए जा रहे अमृत महोत्सव का मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि हमने आजाद देश में जन्म लिया। लेकिन, वे लोग जिन्होंने इस देश को आजादी दिलाई, उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि आजादी के उन मतवालों का बस एक ही सपना था देश को आजाद कराना। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी ने नमक आंदोलन चलाया, असहयोग आंदोलन से सभी को एकजुट करने का प्रयास किया। वहीं वीर सावरकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों ने आजादी की लड़ाई को धार दी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजाद देश का नेतृत्व कर रहे हैं और देश को हर प्रकार के आजाद बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने की बात हो या तीन तलाक कानून से लेकर राम जन्म भूमि की। आज हम कह सकते हैं कि हम सही मायने में पूर्ण आजादी की ओर आगे बढ़े हैं। इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, महापौर सुनील उनियाल गामा, क्षेत्रीय विधायक खजान दास, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पर्यटन व सूचना सचिव दिलीप जावलकर, प्रबंध निदेशक जीएमवीएन आशीष चौहान, पर्यटन विकास अधिकारी देहरादून (डीटीडीओ) जसपाल चौहान सहित अन्य उपस्थित रहे।
अमृत महोत्सव के तहत फ्रीडम रन आयोजित: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य देश की आजादी और स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को समझाना है, साथ ही युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में जागरूक करना है। पवेलियन मैदान में सुबह पहले फ्रीडम रन और साइकिल रैली का आयोजन किया गया जिनके विजेताओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। वहीं, मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी सम्मानित किया। अब 13 से 16 मार्च तक फोटो प्रदर्शनी, कवि सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रतियोगिताएं समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही यहां विभिन्न स्टॉल भी लगाए गए हैं।
सेनानियों के सम्मान के दौरान अव्यवस्था: आजादी का अमृत महोत्सव में मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करना था। लेकिन, इस दौरान तमाम अव्यवस्थाएं हावी नजर आईं। मुख्यमंत्री जब सम्मान के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के पास पहुंचे तो उनके साथ कई अन्य नेता भी चल दिए। साथ ही मीडिया कर्मियों ने भी उन्हें घेर लिया। यही नहीं, सभी स्वतंत्रता सेनानी उनके पास पहुंच गए। जिससे शारीरिक दूरी का उल्लंघन तो हुआ ही, धक्का-मुक्की के हालात बन गए।