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कंडी रोड निर्माण, मोरघट्टी व पाखरौ वन विश्राम गृह परिसर में भवनों के निर्माण में भारी गड़बड़ी का खुलासा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : काबेर्ट पार्क की सुरक्षा करने में असफल रहे चीफ लाइफ वार्डन जबर सिंह सुहाग को शासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कार्बेट नेशनल पार्क के अंतर्गत कंडी रोड निर्माण, मोरघट्टी व पाखरौ वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरौ वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण व प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन के संबंध में वैधानिक प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के बिना नियम विरुद्ध कार्य किया गया है। इस गंभीर व आपराधिक गड़बड़ी का खुलासा राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की जांच रिपोर्ट में हुआ है। मामले में अपर मुख्य सचिव आनन्द वद्र्धन ने तत्कालीन चीफ लाइफ वार्डन जबर सिंह सुहाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
अपर मुख्य सचिव आनन्द वद्र्धन ने छह पेज का नोटिस जारी किया है। नोटिस में कई गंभीर गड़बड़ियों का जिक्र कर जवाब तलब किया गया है। नोटिस में अपर मुख्य सचिव आनन्द वद्र्धन ने लिखा है कि राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत जांच आख्या से यह स्पष्ट है कि कार्बेट नेशनल पार्क के अंतर्गत कंडी रोड निर्माण, मोरघट्टी व पाखरौ वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरौ वन विश्राम गृह के समीप जलाशय के निर्माण में गंभीर गड़बड़ी की गई है। साथ ही प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों का अवैध पातन किया गया है। जो कि भारतीय वन अधिनियम, 1927, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 व वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्राविधानों के विरूद्ध हैं। कुछ समय पहले हाफ राजीव भरतरी को हटाने के पीछे भी इस मामले को मुख्य वजह माना गया था। कालागढ़ वन प्रभाग के इन निर्माण कार्यों को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने भी जांच के आदेश दिए थे। इधर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट पर भी अधिकारियों ने अमल नहीं किया।

राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की जांच में यह हुआ खुलासा
1- राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा अपनी जांच आख्या में मुख्यत: यह बताया गया है कि कंडी रोड में आरसीसी बीम और क्रास बीम का प्रयोग किया गया है। उसमें प्रयोग होने वाली मिट्टी को समीपस्थ वन क्षेत्र से जो कि 50 से 100 मीटर की दूरी पर है, से भारी मशीनों का प्रयोग करते हुए लाया गया और टाइगर अधिवास को क्षति पहुंचाई गई।

2- उक्त जांच आख्या में बताया गया कि मौके पर उपस्थित प्रभागीय वनाधिकारी कार्यबल के द्वारा यह अवगत कराया गया कि उक्त निर्मित रोड पेट्रोलिंग हेतु प्रयोग में लाई जाएगी। उक्त रोड पर एकल स्पैन के पांच पुल/कल्वर्ट जो लगभग 5 मीटर चौड़ाई के निर्मित किए गए हैं जो एकल लेन के हाईवे की आवश्यकता को पूरा करते हैं। वित्तीय संसाधनों के संबंध में जांच आख्या में उल्लिखित किया गया है कि प्रभागीय वनाधिकारी कार्यबल के द्वारा बिना वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति के कार्य कराए गए हैं।

मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में किए गए भवनों के निर्माण को बताया स्टाफ क्वार्टर का निर्माण
मोरघट्टी व पाखरौ वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण के संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा उक्त निर्माण स्टाफ क्वार्टर के रूप में होने के संबंध में गलत कथन किये जाने और इस संबंध में फर्जी अभिलेख प्रस्तुत किये जाने का जांच आख्या में उल्लेख किया गया है। उक्त निर्माण कार्य हेतु वित्तीय संसाधनों के संबंध में जांच आख्या में उल्लिखित किया गया है कि प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा उक्त निर्माण कार्य बिना वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति के कराए गए हैं। पाखरौ वन विश्राम गृह के समीप जलाशय के संबंध में उक्त जांच आख्या में उल्लिखित किया गया है कि उक्त जलाशय का निर्माण सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना कराया गया है और प्रभागीय वनाधिकारी के कथन के विपरीत उक्त जलाशय के निर्माण में वृक्षों के अवैध पातन होने का उल्लेख किया गया है।

 

काटने थे 163 पेड़, काट दिए सैकड़ों
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाखरौ में प्रस्तावित टाइगर सफारी के निर्माण में 163 वृक्षों के पातन की अनुमति के विपरीत कहीं अधिक संख्या में वृक्षों का पातन किया गया है।

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