संतों की तपस्या का प्रतिफल है राममंदिर निर्माण
हरिद्वार)। हिमाचल के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि स्वामी अवधेशानंद गिरि के चेहरे पर हर समय आनंद का भाव दिखता है। वह वाणी से हर एक को अपना बना लेते हैं। हम सब के लिए सुखद पल आने वाला है। संतों की तपस्या और लोगों का संघर्ष ने एक अद्भुत संयोग पैदा किया है। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। वास्तव में यह संतों की तपस्या का ही प्रतिफल है वरना हम सोचते थे कि जाने कितनी पीढ़ी इस कार्य में निकल जाएगी। वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कार्यक्रम में कहा कि संत और संन्यासी बंसतातु के समान होता है, जो अपने शांत और निर्मल स्वभाव से समाज के सभी वर्ग का कल्याण करते हैं। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अचार्य स्वामी अवधेशानंद अध्यात्म की गंगोत्री हैं। पिछले 25 वर्षों में उनकी साधना से आध्यात्मिक विकास और राष्ट्र निर्माण की दो धाराएं निकली हैं। जिसने समाज को दृष्टि और सजृन की नई सृष्टि प्रदान की है। 25 वर्षों में आचार्य ने जो समाज को दिया है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।