गंगा का दूषित होना मनुष्य के लिए खतरा : डॉ. आलोक
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : नेहरू युवा केंद्र, पौड़ी द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में संचालित दो दिवसीय गंगा दूतों का प्रशिक्षण गंगा स्वच्छता की शपथ के साथ संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के भौतिकी विभाग के डॉ. आलोक सागर गौतम ने गंगा दूतों को जानकारी देते हुए बताया कि गंगा का दूषित होना मनुष्य के लिए खतरे का संकेत है। सतोपंथ से निकलने वाली अलकनंदा का पानी अपने साथ खनिज लवण सहित असंख्य अमृत जैसे घरों को लेकर निकलता है लेकिन श्रीनगर तक पहुंचते-पहुंचते गंदगी का मिश्रण हो जाता है कि जिससे अनेक बीमारियों का जन्म होता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या सुमनलता पंवार ने किया। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा दूत पहले स्वयं अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं तभी पतित पावनी मां गंगा का संदेश आमजन तक पहुंच पाएगा। जिला युवा अधिकारी शैलेश भट्ट ने गंगा दूतों की भूमिका पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि गंगा मां अपने पहले के रूप में दिखे इसके लिए जनचेतना की आवश्यकता है और जनचेतना जगाने का यह कार्य गंगा दूतों द्वारा द्वारा किया जाएगा। राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. सरिता उनियाल और डॉ. लता पांडे द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नमामि गंगे के माध्यम से नमामि गंगे संरक्षण पर चर्चा की गयी। प्रशिक्षक योगम्बर पोली ने गीतो के माध्यम से गंगा संरक्षण की आवश्यकता पर युवाओं का ध्यान खींचा। इस मौके पर जिला परियोजना अधिकारी अजय कुमार, राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर के प्रधानाचार्य सरोप सिंह मेहरा, कमलेश बलूनी, अमर सिंह नेगी, राष्ट्रीय युवा स्वयं सेवक कविता, ज्योति सहित विकास क्षेत्र खिर्सू के 50 गंगा दूतों ने प्रतिभाग किया।