देशव्यापी कफ्र्यू के बावजूद जारी है कोरोना की रफ्तार
0- 2.59 लाख से अधिक नए मामले, 4,209 लोगों की मौत
नई दिल्ली । देश में कोरोना संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक दिन में कोरोना के 2.59 लाख से ज्यादा मामले आने के अलावा कोरोना से चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत ने खौफ पैदा किया हुआ है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी किए आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले 24 घंटे में 4,209 और लोगों की मौत हो गई और कोरोना के 2,59,551 नए मामले सामने आये हैं। कोरोना से देश में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,91,331 हो गई यानि देश में कोविड से मृत्यु दर .12 प्रतिशत है। जबकि अब तक देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,60,31,991 पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आई है और अभी 30,27,925 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 11.63 प्रतिशत है। वहीं देश में अभी तक कुल 2,27,12,735 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की दर 87.25 प्रतिशत है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार गए। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 20 मई तक कुल 32,44,17,870 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। इनमें से 20,61,683 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई।
303 जिलों में संक्रमण की दर सिर्फ 15 फीसदी
कोरोना संक्रमण की कुछ राज्यों में वायरस की पॉजिटिविटी रेट में गिरावट भी दर्ज की गई है, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में अब भी पॉजिटिविटी रेट 12 फीसदी से ज्यादा है। इसमें सबसे पहले स्थान पर गोवा है, दूसरे पर कर्नाटक। हालांकि पश्चिम बंगाल, केरल तमिलनाडु समेत 22 राज्य ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 13 से 19 मई के दौरान 303 जिलों में पॉजिटिविटी रेट कम होकर 15.2 फीसदी पर आ गया। इससे पहले 210 जिलों में 5 मई तक पॉजिटिविटी रेट 21.5 फीसदी था। देश में 19 मई को सबसे ज्यादा कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए। एक दिन में 20.55 कोरोना के सैंपल लिए गए। इनमें दो लाख 76 हजार नए मामले सामने आए। बुधवार को तमिलनाडु ने सबसे ज्यादा 34,875 नए केस दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक में 34,281 नए मामले सामने आए।
ब्लैक फंगस बना नई मुसीबत
कोरोना काल में ‘ब्लैक फंगस’ यानी ‘म्यूकर माइकोसिस’ भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। बीते एक महीने में देश में पांच हजार से ज्यादा संक्रमितों की पहचान हो चुकी है। तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत नोटिफाइड करने का आग्रह किया है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, ओडिशा व तेलंगाना की सरकारों ने भी इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत नोटिफाइड बीमारी घोषित कर भी दिया है।
ब्लैक फंगस से मौतों पर केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव से ब्लैक फंगस से हो रही मौतों और संक्रमण पर उचित कार्रवाई करने और रिपोर्ट देने को कहा है। एनएचआरसी ने मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित प्राधिकरण मामले में उचित कार्रवाई करेगा और इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई की सूचना शिकायतकर्ता को आठ सप्ताह के भीतर देनी होगी।सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी ने एनएचआरसी से ब्लैक फंगस पर एक याचिका देकर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने इसमें बताया है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और ओडिशा समेत पूरे देश में तीन हजार से ज्यादा लोग ब्लैक फंगस की बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बीमारी को लेकर न तो केंद्र और न ही कोई राज्य सरकार गंभीर है।