उत्तराखंड

उत्तराखंड के चारधामों में किया जाए गो धामों का निर्माण

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के चारधामों में गो धामों का निर्माण किया जाए। यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्घालु पहुंचते हैं और राजमार्गों से लेकर लिंक मार्गों में निराश्रित गाय एवं नंदी घूमते रहते हैं। ऐसी स्थितियां देखकर हर कोई दुख प्रकट करता रहा है। प्रदेश सरकार और शासन-प्रशासन को इस दिशा में ठोस कार्य करने की जरूरत है। विश्व अखाड़ा परिषद (गो रक्षा विभाग) के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मिलने के बाद हरिद्वार से रुद्रप्रयाग पहुंचे थानापति मणि महेश गिरी जी महाराज ने रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर लिंक मार्गो में निराश्रित गाय और नंदी घूम रहे हैं। ये पशु रात के समय जंगली जानवरों का शिकार बन रहे हैं जबकि कई सड़कों पर भारी वाहनों की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। इनके संरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। गो धाम का निर्माण नहीं किया जा रहा है और ना ही निराश्रित घूम रही गाय और नंदी को कोई सुविधाएं मिल पा रही हैं। पशुपालन विभाग महज मरहम पट्टी का काम कर लेता है, किंतु उनके खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से ये नंदी और गाय प्लास्टिक कचरे का सेवन कर रहे हैं। नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत की ओर से बनाये गये कूड़ादानों में लक सिस्टम नहीं होने से निराश्रित सड़कों में घूम रहे पशु इन प्लास्टिक कचरे को खाने को मजबूर हैं। थानापति मणि महेश गिरी जी महाराज ने कहा कि हर वर्ष चारधामों में लाखों की संख्या में श्रद्घालु पहुंच रहे हैं। देश-विदेश से यात्रा पर आने वाले श्रद्घालु जब इन गाय और नंदी की बुरी स्थिति को देखकर देवभूमि से अच्छा संदेश लेकर नहीं जाते हैं। इसलिए चारोंधामों में गो धाम का निर्माण किया जाए। इस मौके पर विश्व अखाड़ा परिषद (गो रक्षा विभाग) के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी, सचिव देवेन्द्र बिष्ट, कोषाध्यक्ष संदीप कप्रवाण, प्रचार-प्रसार मंत्री राहुल पटवाल, रोशन झा, आशू सेमवाल आदि मौजूद थे।

 

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