उत्तराखंड

हेलंग घटना के दोषी अफसरों के निलंबन की मांग

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार को आपात बैठक आयोजित कर चमोली के हेलंग घाटी की घटना के दोषी अफसरों को तुरंत निलंबित करने की मांग उठाई। बार के अधिवक्ताओं ने इस घटना को उत्तराखंड की अस्मिता व मूल निवासियों के अधिकारों पर हमला करार देते हुए निंदा की। साथ ही मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने व मूल निवासियों को यहां घास काटने का अधिकार देने की मांग रखी। हाईकोर्ट बार सभागार में आयोजित आपात बैठक में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि चमोली जिले के हेलंग के गोचर पनघट की भूमि पर अपने पशुओं के लिए घास काटने वाली घसियारी महिलाओं के साथ अभद्रता की घटना बेहद निंदनीय है। यह घटना बता रही है कि उत्तराखंड के प्रातिक संसाधनों को यहां के मूल निवासियों से छीनकर पूंजीपतियों को देने के लिए सुरक्षा बल व पुलिस मातृशक्ति पर भी जुल्म कर रही है। हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष एमसी पंत, पूर्व सचिव डीएस मेहता, ड़क कैलाश तिवारी आदि ने कहा कि राजनेताओं, ब्यूरोक्रेसी व पूंजीपतियों का गलत गठजोड़ पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है। एक ओर हरेला पर सरकार लाखों पेड़ लगाने की बात कर रही है, वहीं हेलंगवासियों के हरे-भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। टीएचडीसी टनल से निकलने वाले मलबे को वहां डंप किया जा रहा है। मूल निवासियों के मकानों में दरार आ गयी है। उनको पुलिस बल से धमकाया जा रहा है। महिलाओं को पशुओं के लिए घास तक नहीं काटने दी जा रही है। बार के अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार जनता के हक-हकूकों से इसी तरह से खिलवाड़ करती रही तो हाईकोर्ट बार और जिला बार एसोसिएशन मिलकर सरकार के खिलाफ न्यायालय तक लड़ने को तैयार हैं। यह भी कहा कि पहाड़ी राज्य होने के नाते सरकार पहाड़ के लोगों के अधिकारों को लेकर ज्यादा सचेत रहे। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिलोचन पांडे, नवनीष नेगी, बीएस नेगी, भुवनेश जोशी, डीके जोशी, सय्यद नदीम मून, डीसीएस रावत, अमीर मलिक, योगेश पचोलिया, विजय सिंह सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!