उत्तराखंड

घोसी गली का नाम रास बिहारी बोस करने की मांग

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देहरादून। रास बिहारी बोस स्मृति अध्यक्ष व पूर्व सांसद तरुण विजय ने राज्य सरकार से घोसी गली का नाम रास बिहारी बोस के नाम पर करने का आग्रह किया है। इस सम्बंध में उन्होंने राज्यपाल व सीएम को पत्र भी भेजा है। तरुण विजय ने बताया कि 21 जनवरी को रास बिहारी बोस की 79 वीं पुण्यतिथि है। सीएम के लिए यह घोषणा करने का उपयुक्त अवसर हो सकता है। महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस का आठ वर्ष 1906 से 1914 तक दून निवास स्थान व कार्यस्थली रहा है। वे घोसी गली के निकट घंटाघर में रहते हुए गदर पार्टी और अंग्रेजों के विरुद्घ बम गोले बनाने के काम में चुपचाप लगे रहे। घोसी गली आज पूरी तरह उपेक्षित है। जहां अतिक्रमण व गंद्गी की भरमार है। तरुण विजय ने बताया कि वह इस गली के उद्घार के लिए लगातार प्रयासरस हैं। एमडीडीए उपाध्यक्ष से लेकर मुख्य सचिव तक को औपचारिक पत्र भेजा है।
बम कांड की बाद दून लौटे से बोसरू हार्डिंग बम कांड के दिन रास बिहारी दिल्ली में मौजूद थे। असफल होने पर वह उसी रात ट्रेन से देहरादून लौट आए और अगले दिन अपना अफिस ज्वाइन कर लिया। हार्डिंग बम कांड के कुछ महीने बाद लर्ड हार्डिंग टुट्टियां मनाने दून पहुंचा तो रास बिहारी उस स्वागत कार्यकम में भी मौजूद था, जहां हार्डिंग ने बम कांड से बचने की अपनी बहादुरी का बखान किया था। जब ब्रिटिश सरकार बम कांड के आरोपियों की धरपकड़ कर रही थी तो रास बिहारी जापान चले गए।

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