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देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का ऊखीमठ और गुप्तकाशी में प्रदर्शन

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रुद्रप्रयाग। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ तीर्थपुरोहितों ने ऊखीमठ और गुप्तकाशी में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में तीर्थपुरोहित अब पीछे हटने वाले नही हैं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को साढ़े ग्यारह बजे तीर्थ पुरोहित भारत सेवा आश्रम के निकट एकत्रित हुए। जिसके बाद बारह बजे जुलूस मुख्य बाजार में पहुंचा। तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जबकि इससे पूर्व गुप्तकाशी बाजार में भी तीर्थपुरोहितों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। लंबे समय से चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने को लेकर तीर्थपुरोहितों का आंदोलन चल रहा है। ऊखीमठ मुख्य बाजार में सैकड़ों की संख्या में मौजूद तीर्थपुरोहितों ने प्रदर्शन कर बोर्ड को भंग करने की मांग की। जिसके बाद जुलूस तहसील परिसर में पहुंचा। जहां पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा बोर्ड के माध्यम से तीर्थों का बाजारीकरण किया जा रहा है जो हमारी परम्पराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हकहकूकधारियों को पौराणिक परम्पराओं से मिले अधिकारों से वंचित करना चाहती है। केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड का शुरू से ही लगातार विरोध किया जा रहा है, बिना विश्वास में लिए ही बोर्ड का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जबतक बोर्ड भंग नहीं किया जाता आंदोलन चलता रहेगा। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी, जिपंस गणेश तिवारी, जिपंस बबिता सजवाण, प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुभाष रावत, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, केशव तिवारी, राजकुमार तिवारी, राकेश नेगी, तेजप्रकाश त्रिवेदी, अंकित सेमवाल आदि मौजूद थे।
भाजपा नेता को झेलना पड़ा तीर्थपुरोहितों का आक्रोश
देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों के प्रदर्शन के दौरान एक भाजपा नेता को भी उनके आक्रोश का सामना करना पड़ा। किसी तरह भीड़ से निकलकर वह अपने वाहन में बैठे और सुरक्षित स्थान पर चले गए। बाद में उन्होंने भी सरकार से देवस्थानमं बोर्ड को लेकर पुर्नविचार की मांग की। दरअसल बुधवार को ऊखीमठ में तीर्थपुरोहितों की रैली तहसील मुख्यालय पहुंचने के दौरान गेट के बाहर भाजपा पंकज भट्ट का निजी वाहन खड़ा था। जिस कारण, तीर्थपुरोहितों का लाउडस्पीकर वाला वाहन, तहसील परिसर में नहीं पहुंच सका, जिससे वे नाराज हो गए। इस दौरान वाहन स्वामी के खोजबीन की गई। लेकिन पता नहीं लग पाया। करीब आधा घंटे बाद भाजपा नेता भट्ट अपने वाहन के समीप पहुंचे तो तीर्थपुरोहित उन पर आग-बबूला हो गए। यहां तक कि उनके साथ धक्कामुक्की भी की गई। बाद में किसी तरह वह सुरक्षित स्थान पर चले गए।

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