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देश की जीडीपी: दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5: की गिरावट, अनुमान से बेहतर रहा परिणाम

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नई दिल्ली, एजेंसी । कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 7़5 प्रतिशत की गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 4़4 प्रतिशत की वृद्घि हुई थी। वहीं, बुनियादी क्षेत्रों के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन इस बार अक्तूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2़5 फीसदी घट गया।
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23़9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी। दरअसल, पहली तिमाही के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में देश में पूरी तरह से लकडाउन था।
मई के अंत में जाकर गतिविधियां और आवागमन शुरू हुआ था। जबकि दूसरी तिमाही में पूरी अर्थव्यवस्था खुल गई है। ऐसे में जीडीपी में गिरावट अच्छा संकेतनहीं है। बता दें कि तकनीकी तौर पर देश आर्थिक मंदी में फंस चुका है, क्योंकि सितंबर तिमाही में लगातार दूसरी बार जीडीपी में गिरावट आई है।उल्लेखनीय है कि चीन की आर्थिक वृद्घि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 4़9 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 3़2 प्रतिशत की वृद्घि हुई थी।
जीडीपी में गिरवाट को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन ने कहा कि वर्तमान आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद है। यह कुछ ऐसा है, जिसे बारीकी से ट्रैक किया जाना है।
वहीं, वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अक्तूबर 2020 तक भारत सरकार को 7,08,300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इनमें 5,75,697 करोड़ रुपये कर राजस्व, गैर कर राजस्व 1,16,206 करोड़ रुपये और गैर-ाण पूंजी प्राप्तियों मेंाणों की वसूली (16,397 करोड़ रुपये)शामिल हैं।
बुनियादी क्षेत्रों के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन इस बार अक्तूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2़5 प्रतिशत घट गया। यह लगातार आठवां महीना है, जब इन क्षेत्रों का उत्पादन कम हुआ हो। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण खनिज तेल, गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात उद्योग के उत्पादन में कमी आना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2019 में इन आठ क्षेत्रों के उत्पादन में 5़5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। आलोच्य माह के दौरान कोयला, उर्वरक, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों में वृद्घि दर्ज की गयी। हालांकि कच्चा तेल, प्रातिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और इस्पात में गिरावट रही। इस साल अप्रैल से अक्तूबर के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट आयी है। साल भर पहले की समान अवधि में इनके उत्पादन में 0़3 प्रतिशत की वृद्घि हुई थी।

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