बिग ब्रेकिंग

 जलवायु कार्यों के लिए विकसित देशों को पूरी करनी चाहिए अपनी प्रतिबद्घताएं: मोदी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्घ्द्र मोदी ने बुधवार को विश्व सतत विकास सम्मेलन के 21वें संस्करण के सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने जलवायु से संबंधित कार्यों के लिए विकसित देशों से आगे बढ़कर अपनी भूमिकाएं निभाने की अपील की। उन्होंने कहा- जलवायु से जुड़े कार्यों के लिए पर्याप्घ्त धन की जरूरत होती है। इसके लिए विकसित देशों को आगे बढ़कर वित्त और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए अपनी प्रतिबद्घताओं को पूरा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गुजरात में और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपने 20 वर्षों के कार्यकाल के दौरान सतत विकास और पर्यावरण मेरी प्राथमिकता में रहे हैं। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि भारत के दो और आर्द्रभूमियों को हाल ही में रामसर स्थलों के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इसके साथ ही देश में अब 49 रामसर स्थल हैं जो 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लोग हमेशा से प्रति के साथ सद्भाव के साथ रहते आए हैं। हमारी संस्ति, रीति-रिवाज, दैनिक अभ्यास और उत्सव प्रति के साथ हमारे मजबूत बंधनों की तस्घ्दीक करते हैं। सफल जलवायु कार्यों के लिए पर्याप्त फंडिंग की जरूरत होती है। इसके लिए विकसित देशों को आगे आकर वित्तीय फंडिंग के साथ साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपनी प्रतिबद्घताओं को पूरा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीबों तक समान ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना हमारी पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है। हमारी सरकार की ओर से उज्ज्वला योजना के जरिए नौ करोड़ से अधिक घरों को भोजन पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन तक पहुंच सुनिश्चित कराई गई है। यही नहीं हमारी सरकार ने योजना के तहत नवीकरणीय ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत हमने नवीकरणीय ऊर्जा को किसानों तक पहुंचाने का काम किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सुना है कि लोग हमारे ग्रह को नाजुक कहते हैं। मैं बताना चाहता हूं कि हमारा ग्रह नाजुक नहीं है। हम ही कमजोर पड़ गए हैं। हमारी प्रतिबद्घताएं अपने ग्रह और प्रति के प्रति कमजोर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पर अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस एलायंस के जरिए हमारा मकसद वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के सपने को साकार करना है। मौजूदा वक्त में हमें हर जगह विश्वव्यापी ग्रिड से स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में पूरी ताकत के साथ काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक विशाल विविधता वाला देश है। दुनिया की 2़4 फीसद जमीन वाले भारत में जीवों की विविध प्रजातियां रहती है। भारत में दुनिया की लगभग आठ फीसद प्रजातियां हैं। इस विविध पारिस्थितिकी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हमारी सरकार अपने संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क को मजबूत कर रही है। प्न्ब्छ ने भी हमारी इन कोशिशों को मान्यता दी है। हमारा फोकस बंजर जमीनों को उपजाऊ बनाना है। साल 2015 के बाद से हमने 11़5 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि को उपजाऊ बनाने का काम किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!