कोटद्वार-पौड़ी

सीवर लाइन चोक, सड़कों पर फैली गंदगी

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शहर में जगह- जगह बनी है सीवर लाइन चोक की समस्या
जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार: शहर में अस्सी के दशक में बिछाई गई सीवर लाइन धोखा देने लगी है। जगह-जगह चोक हो रही सीवर लाइनों से सड़कों पर गंदगी बह रही है। जल संस्थान चोक सीवर लाइनों को खोलने का भी प्रयास करता है। लेकिन, कोई फायदा नजर नहीं आता। नतीजा, यहां-वहां फैली गंदगी के कारण आमजन को संक्रामक बीमारियों का खतरा सताने लगा है।
कोटद्वार में 60 के दशक में जिस वक्त सीवर लाइन बिछाई गई थी, उस वक्त क्षेत्र की आबादी करीब पांच-सात हजार थी। उस दौर में सीवर ट्रीटमेंट के लिए नजीबाबाद रिजर्व फारेस्ट के जाफराबाद कक्ष संख्या चार में 40 एकड़ भूमि 20 साल को लीज पर ली गई थी। वर्ष 1986 में लीज डीड भी समाप्त हो गई। लीज को रिन्यू नहीं करवाया गया। लेकिन, अभी तक सीवर की पूरी गंदगी बिजनौर वन प्रभाग के जंगलों में ही बह रही है। इधर, जनसंख्या के अनुरूप सीवर लाइन की क्षमता कम होने के कारण लाइन का चोक होना सामान्य बात हो गई है। कुछ सप्ताह पूर्व नजीबाबाद रोड पर सीवर लाइन चोक होने के कारण करीब एक सप्ताह तक एक मोहल्ले की सड़क में सीवर की गंदगी भरी रही। कड़ी मशक्कत के बाद विभाग ने चोक लाइन को ठीक किया। लेकिन अब स्टेशन रोड में सीवर का पानी सड़क पर बहने लगा है। इधर, बदरीनाथ मार्ग में भी बेस चिकित्सालय के बाहर सीवर लाइन चोक हो गई है। प्रतिष्ठानों में बैठना भी मुश्किल सीवर लाइन चोक होने से सड़क पर बह रही गंदगी के कारण चारों ओर दुर्गंध फैली रहती है। ऐसे में व्यापारियों का अपने प्रतिष्ठानों में बैठना भी मुश्किल हो जाता है। यही नहीं, राह चलते राहगीरों पर वाहनों के टायरों से गंदगी के छीटे पड़ते रहते हैं। जगह-जगह सड़कों के गड्ढों में सीवर का पानी जमा हो जाता है। स्थानीय व्यापारी कई बार व्यवस्था को बेहतर बनवाने की मांग भी उठा चुके हैं।

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