उत्तराखंड

मुनस्यारी के आपदा प्रभावितों का भी हो विस्थापन

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पिथौरागढ़। जोशीमठ की आपदा को देखते हुए मुनस्यारी के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से विस्थापन की मांग की है। ग्रामीणों ने जाकुला नदी से हो रहे भूकटाव के लिए तटबंध बनाने व गधेरों में पानी के निकासी के लिए नालियों के निर्माण की मांग की है। कहा कि स्थानीय लोग अभी भी किराए के मकानों में दूसरी जगह निवास कर रहे हैं, उनके विस्थापन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मंगलवार को नियोजन समिति के सदस्य भगत बाछमी के नेतृत्व में मुनस्यारी के ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन दिया। कहा कि आपदाग्रस्त मुनस्यारी को लेकर शासन व प्रशासन गंभीर नहीं है। तल्ला जोहार के गिरगांव, चौडा, भण्डारीगांव, उमली, पंय्यापिनारी, खेती, सैंणराथी, किमखेत, बेडूमहर सहित अन्य गांवों की 8 हजार की आबादी दशहत में निवास करती है। जोशीमठ की आपदा को देखते हुए ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। पूर्व में भूस्खलन से संवेदनशील चौडा में विद्यालय को बंद कर दिया पर लोगों के विस्थापन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। कई स्थानों पर मकानों में दरार व भूमि का धंसाव हुआ है। इस दौरान सैंणराथी के प्रधान नरेंद्र सिंह मेहता, जगदीश मेहता मौजूद रहे।

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