डीएम ने मांगा कम प्रगति वाले विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण
विकास कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों की कार्य योजनाओं की जानकारी लेते हुए धीमी प्रगति वाले विभागों को विकास कार्यों मे तेजी लाने के निर्देश दिये। लोनिवि, पेयजल निगम, सामुदायिक विकास, माध्यमिक शिक्षा, चिकित्सा विभाग, पंचायत राज, राजकीय सिंचाई, निजी लघु सिंचाई आदि विभागों के कम प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए, संबंधित अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिये। जबकि बीस सूत्रीय टास्क फोर्स निरीक्षण कार्य के न्यून प्रगति पर कृषि एवं भूमि संरक्षण पाबौ, जिला समाज कल्याण अधिकारी, उद्यान विशेषज्ञ कोटद्वार, सेवायोजन अधिकारी लैंसडौन के स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने विकास भवन सभागार, पौड़ी में संबंधित अधिकारियों के साथ जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित व बीस सूत्रीय कार्यक्रम, योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति तथा कोविड-19 वैक्सीनेशन द्वितीय चरण कार्यक्रम व राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि योजनाओं के निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना तथा योजना स्थलों पर बोर्ड लगाना सुनिश्चित करेंगे। जिससे निर्माण कार्यों की जानकारी अन्य लोगों को भी मिल सके। साथ ही सभी विभागीय अधिकारियों को अपने पास डेटा डायरी रखने को कहा जिसमें विभागीय योजनाओं की अद्यतन सूचनाऐं अंकित हो। वहीं कार्यों के फोटोग्राफ्स एव वीडियों उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने डॉ. जोगदण्डे ने क्रमवार विभिन्न विभागों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति/कार्यों की जानकारी लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कार्यों को पूर्ण करने हेतु जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उन्हें समयान्तर्गत पूर्ण करना सुनिश्चित करें, ताकि आम जनमानस को उसका लाभ समय पर मिल सके। उन्होने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थियों के विद्युत विभाग के साथ अनुबंध कराने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि उद्योग विभाग के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन कर लाभार्थी एवं संबंधित बंैकर्स व रेखीय विभाग को कार्यशाला में आमंत्रित कर, समुचित जानकारी देना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में पीडी डीआरडीए संजीव कुमार राय, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, अर्थ एवं संख्याधिकारी संजय शर्मा, सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा, मुख्य कोषाधिकारी लखेन्द्र गौंथियाल, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेन्द्र कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी डीएस राणा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह बत्र्वाल, डीपीआरओ एमएम खान, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली, जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, अधि.अभि. लोनिवि अरूण कुमार पाण्डे, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद पौड़ी प्रदीप बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन हेतु कैंप लगाने को कहा
पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कोविड-19 वैक्सीनेशन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के आयोजन की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को कोविड-19 के द्वितीय चरण की वैक्सीनेशन कार्यक्रम एवं 1 से 6 मार्च 2021 तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संचालन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम की वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार करवाना सुनिश्चित करें। जबकि प्रथम चरण के फ्रंट लाईन कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि विकास भवन परिसर पौड़ी में 19 व 20 फरवरी 2021 को कोविड-19 टीकाकरण कैम्प स्थापित कर लाभार्थी को टीका लगाये। जिस हेतु उन्होंने अधिकारी एवं कर्मचारियों को टीका लगाने को कहा। साथ ही समस्त विकासखंडों में भी कैम्प लगाने के निर्देश दिये। जिसमें वहां कर्मचारी, आंगनबाड़ी, आशाओं, आदि फ्रंट लाईन कोरोना योद्धाओं को भी टीकाकरण हेतु सुगम सुविधा मिल सकें।
सीडीओ ने दी विकास कार्यों की जानकारी
पौड़ी। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने जनपद में किये जा रहे विकास कार्यों की प्राईमरी स्तर से लेकर समस्त कार्यों की प्रोजेक्टर के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जनपद में जिला योजना के तहत अनुमोदित परिव्यय 7986 लाख के सापेक्ष जिलाधिकारी के निर्वतन में धनराशि 7986 लाख प्राप्त हुआ, जिसमें से विभागों को धनराशि 7575 लाख अवमुक्त हुआ जिसके सापेक्ष 6410.87 लाख व्यय हो चुका है। वहीं राज्य सेक्टर में अवमुक्त धनराशि 20669.24 लाख के सापेक्ष व्यय 77.42 प्रतिशत, केन्द्र पोषित में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 79.29 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजना में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 66.43 प्रतिशत व्यय हो चुका है।