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डॉक्टरों ने बचाई नवजात शिशु की जान

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नई टिहरी। पीपीपी मोड़ पर संचालित किए जा रहे सीएचसी देवप्रयाग में बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु की जान बचाई। नवजात में जन्म से ही पीलिया, निमोनिया व शुगर की कमी जैसी कई बीमारियों लक्षण मिले। पौड़ी जिले के डोबा गांव निवासी ममता ने सीएचसी देवप्रयाग में एक नवजात को जन्म दिया, लेकिन जन्म से नवजात शिशु में कई बीमारियों के लक्षण मिले। सीएचसी में तैनात हिमालयन अस्पताल जॉली ग्रांट के बाल रोग विभाग की चिकित्सक शिप्रा जयसवाल बताया कि जन्म के दौरान नवजात का वजन करीब एक किलो तीन सौ ग्राम था, और बच्चे की स्थिति नाजुक थी। डॉ. के मुताबिक मां के पेट में ही नवजात की सांस की नली में गंदा पानी चला गया था, जिसे मेडिकल भाषा में मिकोनियम एसपिरेशन सिड्रोम कहते हैं। शिशु की जान को खत्तरा देखते हुए 11 दिन तक शिशु को एनआईसीयू में आक्सीजन सपोट् से रखा गया। डॉ. ने बताया कि नवजात को सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है वह अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। सीएचसी प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि सीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बालरोग विशेषज्ञ, जर्नल सर्जन और बेहोशी के डॉक्टर आने से क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। डॉ. ऋचा चंद्रा,डॉ. दिव्या खंडूरी, डॉ. सोनपाल ने सहयोग किया।

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