डॉ. आशा बिष्ट की कविता गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय फलक पर एक बार फिर पौड़ी जिले का नाम रोशन हो गया है। मुख्यालय पौड़ी स्थित गढ़वाल विवि के बीजीआर परिसर में सेवारत अतिथि शिक्षिका डॉ. आशा बिष्ट की कविता रचना को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। उत्तराखंड से गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल होने वाली वह एकमात्र साहित्यकार हैं। उनकी इस उपलब्धि से बीजाआर परिसर के निदेशक प्रो. आरएस नेगी, शिक्षको व कर्मचारियों ने खुशी व्यक्त की है।
अंर्तराष्ट्रीय संस्था गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड ने भारत के अर्जुन पुरस्कार विजेताओं पर शोध काव्य प्रतियोगिता अप्रैल माह में आयोजित की गई थी। जिसमें अब देश के 131 अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों पर आधारित विभिन्न रचनाकारों के शोध काव्य संकलन के लिए चयनित किए गए हैं। गढ़वाल
विवि के बीजीआर परिसर पौड़ी के हिंदी विभाग में वर्ष 2015 से अतिथि शिक्षिका के रुप में सेवारत डॉ. आशा बिष्ट ने प्रसिद्घ बिलियड्र्स (स्कूनर) खिलाड़ी पंकज आडवाणी पर रचित शोध काव्य रचना भेजी। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है। देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आई रचनाओं में उनकी रचना को 26वां स्थान दिया गया है। इसमें शामिल होने वाली डॉ. आशा बिष्ट उत्तराखंड से एकमात्र साहित्यकार हैं। डॉ. आशा बिष्ट ने गढ़वाल की लोकगाथाओ पर शोध कार्य किया है। उनकी गढ़वाल का ऐतिहासिक, सामाजिक, धार्मिक भावनाओ पर अध्ययन पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि उनकी एक कविता संग्रह विमोचन को तैयार है। उन्हें इंटरनेशनल ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन की ओर से ई-सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। उनके पति डॉ. राकेश बिष्ट एलएमएस पीजी कालेज पिथौरागढ़ में सैन्य विज्ञान विभाग में असिसेंट प्रोफेसर के पद पर सेवारत हैं। डा. आशा बिष्ट की इस उपलब्धि पर परिसर निदेशक प्रो. आरएस नेगी ने कहा कि परिसर, पौड़ी व प्रदेश के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण है।