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अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नंबर गेम में इमरान खान के रन आउट होने की संभावना बढ़ी, शाहबाज शरीफ को लेकर कही यह बात

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इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विपक्षी नेताओं के खिलाफ इनस्विंग यार्कर डालने का वादा किया था, अब संसद में नंबर गेम में रन आउट होने की संभावना का सामना कर रहे हैं। रविवार को प्रमुख सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया और बड़ी संख्या में विद्रोही सांसदों ने उनके खिलाफ मतदान करने का संकल्प लिया। विश्वास मत से एक दिन पहले एक सार्वजनिक संबोधन में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि हमारी संसद समिति ने भी इस आधिकारिक दस्तावेज को देखा है, जिसमें कहा गया है कि अगर आप इमरान खघन को हटाते हैं तो आपके अमेरिका के साथ संबंध अच्टे होंगे। यदि विपक्ष के नेता और पीएमएल (एन) नेता) शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला तो वे अमेरिका की गुलामी करेंगे। मैं पाकिस्तान के युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे आज और कल भी आंदोलन करें। वर्तमान पाकिस्तान के श्मीर सादिक और मीर जाफरश् के खिलाफ बाहरी ताकतों की इस साजिश के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं।

2018 में इमरान खान श्नया पाकिस्तानश् बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे। वह अपने राजनीतिक करियर के महत्वपूर्ण मोड़ पर है क्योंकि उसने अपनी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से दलबदल के बाद बहुमत खो दिया है। उनके दो सहयोगी दलों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया और ये पार्टियां विपक्ष दलों में शामिल हो गई हैं।

क्रिकेटर से राजनेता बने 69 वर्षीय इमरान खान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं, जिसे 28 मार्च को विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने पेश किया था। नेशनल असेंबली में रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने के लिए इमरान खान को 342 के निचले सदन में 172 वोट चाहिए। हालांकि, विपक्ष का दावा है कि उसे 175 सांसदों का समर्थन प्राप्त है और प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

वहीं इमरान खान ने कहा है कि वह बहुमत खोने के बावजूद इस्तीफा नहीं देंगे और जोर देकर कहा कि वह आखिरी गेंद तक लड़ेंगे और रविवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। खान ने विद्रोही सांसदों को देशद्रोही बताया है। उन्घ्होंने कहा कि उन्हें जीवन भर ऐसे ही ब्रांडेड किया जाएगा क्योंकि उन्होंने उनसे वापस आने और अपनी सरकार को गिराने के विपक्ष के प्रयास को विफल करने का अनुरोध किया था।

किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। साथ ही पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कभी भी अपदस्थ नहीं हुआ है। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव की चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं।

2018 में सत्ता में आने के बाद से इमरान खान वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे हैं, जिससे विपक्ष उनकी सरकार को अक्षम बताकर निशाना बनाया। शुक्रवार को इमरान खान ने दावा किया कि उनके पास विश्वसनीय जानकारी है कि उनका जीवन खतरे में है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह डरते नहीं हैं और एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। सरकार के फैसले के अनुसार इमरान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि उनकी जान को खतरा है।

 

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