एक पौधा लगाकर उसे पालना दस पुत्रों के पालने के समान
किमार गांव में रोपे एक हजार पौधे
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। मंजकोट जिला पौड़ी गढ़वाल निवासी क्रांतिगुरू श्री परमधाम न्यास के संस्थापक के सौजन्य से चन्द्रायण के पवित्र महीने में किमार गांव में लगभग एक
हजार पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रगान व क्रांतिकारियों की महाआरती से की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एक पौधा अपने जीवन
में लगाना और उसे निष्ठा से पालना दस पुत्रों को पालने के समान है। जो वृक्ष आज हमें प्राण वायु दे रहे हैं वो हमारे लिये औरों ने लगाये हैं हमें भी अपनी आने
वाली पीढ़ी के लिये वृक्ष लगाने चाहिये। जितना हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करते हैं उतना ही प्रकृति से हमें दु:ख और पीड़ा मिलती है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि क्रांतिगुरू चन्द्रमोहन का जन्म आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पौड़़ी गढ़वाल के ग्राम
मंजकोट में हुआ था। उनके जन्मदिवस से चैमासे तक उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष सवा लाख वृक्षारोपण अभियान चलाया जाता है। जिसके तहत किमार गांव में
शनिवार को एक हजार पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने कहा कि अध्यात्म का पहला सूत्र है प्रकृति प्रेम। हमें हृदय से प्रकृति से प्रेम करना चाहिए, क्योंकि वृक्ष
साक्षात शंकर है। जिस प्रकार शंकर विष का पान कर हमें अमृत प्रदान करते हैं उसी प्रकार वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड रूपी विष का पान कर हमें ऑक्सीजन रूपी
अमृत प्रदान करते हैं। ऑक्सीजन को प्राण वायु भी कहते है। इसलिये अधिक से अधिक संख्या में पौधों को लगाना और उनका पालन करना ये मानवता की रक्षा
करने के समान है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले उत्तराखण्ड में आई भारी तबाही प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का ही नतीजा है। वृक्षों को काटकर हम अपने लिये ही
अंधकार का मार्ग खोल रहे हैं। अत: हमें अपने जीवन में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिये और उसका पालन करना चाहिये ये पुण्य कार्य है इससे हम
परमात्मा की नजरों में भी चढ़ते हैं। इस अवसर पर विकास, विमला, ग्राम प्रधान कांडाखाल सुरेश चंद, हेडपोस्ट मास्टर गणेश रावत, पूर्व क्षेत्र पंचायत वीरेन्द्र,
परमिन्दर रावत, हरेन्द्र रावत, दरवान सिंह रावत आदि उपस्थित रहे। (फोटो संलग्न है)