सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला बोल
-सरकार पर लगाया कर्मचारी विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सरकार पर कर्मचारी विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाते हुए बैंक समेत आयक विभाग के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल किया। जिसके तहत कर्मचारियों ने सोमवार से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू की है। जिससे कोटद्वार क्षेत्र के बैंकों में भी कामकाज ठप रहा। वहीं, आयकर कार्यालय में भी कोई काम नहीं हुआ। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही सरकार ने उनकी समस्याओं की सुध नहीं ली तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।
सोमवार को कोटद्वार क्षेत्र के बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। जिससे क्षेत्र के लगभग सभी बैंक बंद रहे। बैंकों के अचानक हड़ताल पर जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना हुआ। कई लोगों को हड़ताल की जानकारी ही नहीं थी तो वह सुबह ही बैंक आ गए। जब यहां हड़ताल की जानकारी मिली तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। इधर बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वह लंबे समय से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कहा कि सरकार ने जल्द अपने निर्णय को वापस नहीं लिया तो देशभर के बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि मंगलवार (आज) को भी बैंकों की हड़ताल रहेगी।
बैंक कर्मचारी इन मांगों को लेकर हैं हड़ताल पर
-बैंकों का निजीकरण रोका जाए।
-आउटसोर्सिंग बंद की जाए।
-सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
-हेयरकट्स पर रोक लगाई जाए। खराब ऋण की वसूली शुरू की जाए।
-नेशनल पेंशन स्कीम को समाप्त किया जाए।
-महंगाई भत्ते से संबद्ध पेंशन योजना बहार की जाए।
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नई पेंशन व्यवस्था को हटाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था की जाए लागू
कोटद्वार : सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित आयकर कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने सोमवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। महासंघ के सदस्यों ने कहा कि नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की सरकार के साथ कई बार वार्ता हुई। जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं को रखा गया। सरकार ने इन सभी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया, लेकिन उसके बावजूद कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। जिससे कर्मचारी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि जल्द सरकार ने कर्मचारियों के हित में समस्याओं का निस्तारण नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में कोटद्वार आयकर कार्यालय के संजय कुमार ऑफिर सुप्रिटेंडेंट, धनवीर सिंह टैक्स असिस्टेंट, महासंघ के अध्यक्ष यतेंद्र सिंह, सचिव वीरेंद्र कुमार, अलका भटनागर, लोकेश नौटियाल, जॉनी नेगी, स्वाती भंडारी, मंजू रानी, विनयकांत, राजीव कुमार, केशर बहादु, मनीष जोशी, अखिलेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।
आयकर कर्मचारी इन प्रमुख मांगों को लेकर हैं हड़ताल पर
-नई पेंशन व्यवस्था को हटाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करें।
-जनवरी -2020 से जून -2021 तक के रोके गए डीए एरियर को जारी करें।
-प्रत्येक पांच वर्ष में वेतन निर्धारण को शुरू करना और एक जनवरी 2021 से 8वें वेतनमान को लागू करें।
-नए पदों के सृजन पर रोक को हटाएं।
-मृतक आश्रितोें की नियुक्ति के लिए पांच प्रतिशत सीलिंग लिमिट को समाप्त करें।
-सभी कैजुअल व संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
नौकरी से निकालने पर कोरोना वॉरियर्स आक्रोशित, किया प्रदर्शन
-बेस अस्पताल कोटद्वार में कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों की 31 मार्च को की जा रही सेवा समाप्त
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोरोना महामारी के बीच बेस अस्पताल कोटद्वार की बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 33 कर्मचारियों को आउटसोर्स के माध्यम से कोरोना ड्यूटी पर तैनात किया। अब जब कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है। सोमवार को इन कर्मचारियों ने बेस अस्पताल कोटद्वार में धरना-प्रदर्शन किया और कार्यकाल बढ़ाने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग को उनकी जरूरत थी तो उन्होंने कोरोना महामारी के बीच अपनी जान की परवाह किए बिना पूरी निष्ठा से कार्य किया। लोग कोरोना से इतने भयभीत थे कि अपने परिचितों को भी हाथ लगाने से डरते थे। ऐसी परिस्थिति में कोरोना ड्यूटी में तैनात सभी कर्मचारियों ने मरीजों को सहारा दिया और उनका ख्याल रखा। जिसका नतीजा है कि कई लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौटे। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन कर्मचारियों के कार्यों को भूल रहा है और उन्हें नौकरी से निकाल रहा है। उन्होंने कहा कि वह अपना कार्यकाल बढ़ाने संबंधी एक सूत्रीय मांग को लेकर बेमियादी धरने पर डटे हुए हैं, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह धरना समाप्त नहीं करेंगे। इस दौरान युद्धवीर सिंह, हिमांशु, राकेश रावत, रेखा, साक्षी रावत, स्वाति, मोनिका, सोनी, मनीष कुमार आदि मौजूद रहे।