उत्तराखंड

ऊर्जा संविदा कर्मचारियों ने शासन के खिलाफ खोला मोर्चा

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देहरादून। ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल और स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समान काम का समान वेतन न देने का विरोध किया। इसके खिलाफ 27सितंबर को सत्याग्रह शुरू कर चरणबद्घ आंदोलन का ऐलान किया। ऊर्जा निगम के ईसी रोड परिसर में हुई कर्मचारी संयुक्त मोर्चे की बैठक में आंदोलन की रणनीति बनी। सहसंयोजक राकेश शर्मा ने कहा कि संविदा, आउटसोर्स कर्मचारी ही तीनों निगमों की असली कमर की रीढ़ हैं। पूरे सप्लाई सिस्टम से लेकर पवर हाउस, सब स्टेशन यही कर्मचारी संभाल रहे हैं। बेहद कम वेतन पर सबसे जोखिम भरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इन कर्मचारियों को समान काम का समान वेतन और नियमितीकरण को लेकर श्रम न्यायालय समेत हाईकोर्ट तक से निर्णय हो चुका है। इसके बावजूद कर्मचारियों को लाभ देने की बजाय सरकार और निगम मैनेजमेंट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
़़क कहा कि पिछले दिनों शासन ने पहले उपनल कर्मचारियों को भी स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों की भांति महंगाई भत्ता का लाभ देने का आदेश किया। इस आदेश को 24 घंटे के भीतर ही स्थगित कर दिया गया। ये सीधे तौर पर कर्मचारियों के साथ अन्याय है। जोखिम भरा काम करते हुए हर साल कर्मचारी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। कई की मृत्यु तक हो गई है। अभी भी यदि जल्द कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन तय है। आंदोलन की शुरुआत 27 सितंबर को सत्याग्रह से शुरू की जा रही है। बैठक में निधि चौहान, शकील अहमद, नीतू, विपिन नेगी, संदीप रावत, रघुवीर रावत, राजीव, विकास, केसर सिंह, यतीश, दीपक आदि मौजूद रहे।

 

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