उत्तराखंड

सिंचाई विभाग का गौरव दोबारा स्थापित करेंगे इंजीनियर

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देहरादून। उत्तराखंड सिंचाई अभियंता एसोसिएशन (सीधी भर्ती अधिकारी) के प्रथम अधिवेशन में सिंचाई विभाग के गौरवशाली इतिहास को पुनरू स्थापित करने का संकल्प किया गया। रविवार को आईएसबीटी के निकट स्थित इंस्टीटयूशन अफ इंजीनियर्स के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अधिवक्ताओं ने अपनी छह सूत्री मांगों को भी प्रमुखता से उठाया और तबादला सत्र में सीधी भर्ती के अधिकारियों के साथ नाइंसाफी न होने देने की अपील भी की। मुख्य अतिथि सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने इंजीनियरों से उनकी सभी मांगों पर गंभीरतापूर्व विचार करने और जनहित के अनुसार उनका समाधान करने का वादा किया। महाराज ने कहा कि अवस्थापना विकास और निर्माण से जुड़े सभी विभाग आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करें। उत्तराखंड को भूंकप के प्रति संवेदनशील जोन माना जाता है। इसलिए हर निर्माण कार्य में भूकंपरोधी तकनीक का प्रयोग होना जरूरी है। इसी प्रकार राज्य में टनल के प्रयोग को बढ़ाना होगा। महाराज ने अधिवेशन के लिए एसोसिएशन को बधाई भी दी। इस मौके पर सिंचाई सचिव हरिचंद सेमवाल,मुख्य अभियंता-अल्मोड़ा चंद्रशेखर, सिंचाई अभियंता ऐसोसिएशन के अध्यक्ष हर्ष कटियार, महामंत्री रामस्वरूप बडोनी, सुधीर सैनी, पूर्व एचओडी एके दिनकर, डीपी जुगरान, एसएम सक्सेना, आरके गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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