उत्तराखंड

मिष्ठान भंडार के कारखाने में गैस सिलेंडर लीक होने से लगी आग

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रुद्रपुर। खटीमा में रूपा मिष्ठान भंडार के मिठाई बनाने के कारखाने में आग लगने से भट्टी सहित उसमें रखा सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने के प्रयास में चार कारीगर समेत मिष्ठान भंडार के मालिक झुलस गए। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया। अग्निकांड में झुलसे पांच लोगों में एक युवक 22 प्रतिशत झुलस गया है। मुख्य चौक और गोटिया रोड पर स्थित रूपा मिष्ठान भंडार के मिठाई के कारखाने में दोपहर के समय सिलेंडर बदलते समय अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग पूरे भट्टी वाले क्षेत्र में फैल गई। आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई। तब तक कारीगार और मिष्ठान भंडार स्वामी का परिवार गीली बोरियों और रजाइयों से आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। फायर ब्रिगेड के पहुंचने पर आग पर काबू पा लिया। फायर ब्रिगेड समय पर पहुंचने से बड़ा हादसा टल गया। क्योंकि कारखाना घनी बस्ती के बीच है, कारखाने के ऊपर ही मिष्ठान भंडार स्वामी का परिवार निवास करता है। वहीं अग्निकांड में रिंकू यादव निवासी पीलीभीत 22 प्रतिशत समेत मिष्ठान भंडार स्वामी राम सिंह यादव, अमित यादव, सुरेंद्र, राहुल झुलस गए। पांचों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां सभी का उपचार चल रहा है। रिंकू यादव के पांव और हाथ झुलसने के कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। कारखाना स्वामी राम सिंह यादव ने बताया कि अग्निकांड में लगभग दो लाख के नुकासान की संभावना है।
तंग मार्ग के बावजूद समय पर पहुंच गई फायर ब्रिगेड
मिठाई का कारखाना जिस जगह पर है वह मार्ग पूर्व में भले ही खुला हो, लेकिन वर्तमान में यह मार्ग बेहद संकरा हो गया है। यहां दोनों तरफ फड़ लगे होने, ठेले सहित अनेक तरह की दुकानें लगने के कारण इस मार्ग पर पैदल चलना भी दूभर होता है। आग लगने की जैसे ही सूचना मिली पूरा बाजार तत्काल सक्रीय हो गया। मिष्ठान भंडार के स्वामी के पुत्र सुमित ने बताया कि व्यवसायियों के सहयोग से बेहद कम समय में फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई और अग्निकांड की बड़ी घटना टल गई। शुक्रवार को अग्निकांड के समय अगर यहां के व्यापारी सहयोग नहीं करते तो फायर ब्रिगेड अग्निकांड वाली जगह पहुंच ही नहीं पाती। सुमित यादव ने बताया कि वह स्वयं फायर ब्रिगेड के अफिस में पहुंचे वहां से एक छोटी गाड़ी सायरन बजाते हुए पहले आगे निकली उसके पीटे फायर ब्रिगेड की गाड़ी आगे बढ़ी। फायर ब्रिगेड को देखकर दुकानदारों ने अपने सामान समेट लिए, फड़ के ऊपर लगाई पन्नियां, रस्सी हटा ली थीं।
फायर इाइड्रेंट नहीं होना भी चिंता का विषय
खटीमा में यदि अग्निकांड हो जाए तो यहां फायर ब्रिगेड के वाहन को पानी भरने के लिए केवल एक ही फायर हाइड्रेंट बना है। यह फायर हाइड्रेंट भी जल संस्थान के पास है। बड़ी घटना होने पर खटीमा के तीनों कारखानों में लगे फायर हाइड्रेंट की सहायता ली जाती है। जबकि शहर के व्यस्ततम क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में फायर हाइड्रेंट होना बेहद आवश्यक है। फायर ब्रिगेड के राजेंद्र सिंह मल ने बताया कि खटीमा में जगह-जगह फायर हाइड्रेंट बनाने के प्रस्तावित दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आग बुझाने वाली टीम में उनके साथ चालक कमल सिंह, फायर मैन हेमचंद्र जोशी, शंकर गिरी, राम गिरी थे।

 

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