उत्तराखंड

पांच दिवसीय थियेटर इन एजुकेशन कार्यशाला हुई शुरू

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बागेश्वर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय थियेटर इन एजुकेशन कार्यशाला प्रारंभ हो गई है। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कार्यशाला समन्यवयक ड़ प्रेम सिंह मावड़ी ने कहा कि इससे बच्चों को शिक्षा देने में शिक्षकों को लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रशिक्षण का लाभ बच्चों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, वार्ता, लेखन, अभिनय में प्रशिक्षण लेकर यही शिक्षक आगे चलकर अपने अपने विद्यालयों में उद्देश्य की परिपूर्णता हेतु वातावरण तैयार करेंगे। प्रभारी प्राचार्य ने सभी शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा में थियेटर का महत्वपूर्ण स्थान है। पठन पाठन में थियेटर को एक टूल की तरह उपयोग कर शिक्षक को रोचक बनाया जा सकता है। संदर्भदाता नाट्यकर्मी जहूर आलम ने कहा कि नाट्य में सभी विधाएं समाहित है। इस विधा के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया आसान व रुचिकर हो जाती है। राज्यगीत लेखक व कवि हेमंत विष्ट ने कहा कि कठिन व जिन विषयों में वच्चों की रुचि कम होती है उन्हें थियेटर माध्य्म से शिखने की प्रक्रिया में सुगमता होगी। कहा कि संगीत, नृत्य, हमारी मूल प्रवृतियां है यह सीखने में मदद करती है। संगीतकार नवीन वेगाना, रंगकर्मी मनोज कुमार, संजय कुमार अजीज प्रेम जी से नाट्यकर्मी बृजेश जोशी द्वारा प्रथम दिन विविध जानकारियां दी। कहा कि बच्चों का विकास करना मुख्य कार्य है। प्रशिक्षकों ने कहा कि कठिन विषयों को समझाने में शिक्षक द्वारा नाट्य विधा का उप्योग किया जा सकता है, उन्हें संयोजित कर विभिन्न विषयों पर नाट्य आलेख तैयार किए गए। विभिन्न सत्रों में आयोजित कार्यशाला में डायट प्रवक्ता ड़ मनोज चौहान,ड़ सीएम जोशी, ड़ दयासागर, ड़ बीडी पांडे, संदीप जोशी, रवि कुमार जोशी, ड़क के एस रावत,ड़ राजीव जोशी द्वारा जानकारियां दी जा रही हैं। कार्यशाला में 40 अध्यापक भाग ले रहे हैं।

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