उत्तराखंड

वाहन का चालान कोर्ट में पेश न करने पर एसडीएम पर पांच लाख का जुर्माना

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ पुलिस के पास जब्त वाहन का चालान कोर्ट में पेश नहीं करने पर तत्कालीन एसडीएम पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि एसडीएम से वसूलकर वाहन स्वामी को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। कोर्ट ने पिथौरागढ़ के डीएम को एक माह के भीतर तत्कालीन एसडीएम का पताकर वाहन स्वामी को रकम दिलाने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके मिश्रा की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी धर्मसिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि 14 सितंबर 2015 को तत्कालीन एसडीएम डीडीहाट ने ओवरलोडिंग में उनके चौपहिया वाहन यूके 05 टीए-1140 का चालान किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापड़ी ने अदालत को बताया कि एसडीएम ने वाहन को जब्त कर लिया और आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चालान पेश नहीं किया गया। यह वाहन तभी से थल पुलिस के कब्जे में है। सुनवाई के दौरान पिथौरागढ़ के डीएम, थल थाने के एसएचओ और एआरटीओ ने कोई जवाब नहीं दिया।
याचिकाकर्ता से न वसूला जाए टैक्स
कोर्ट ने इस मामले में सख्त आदेश पारित कर वाहन को तत्काल रिलीज करने, याचिकाकर्ता को 30 दिनों की अवधि के भीतर राज्य सरकार से पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि वाहन को फिर से चलाने के लिए फिट होने की तारीख तक की अवधि के लिए याचिकाकर्ता से कोई भी टैक्स वसूल नहीं किया जाएगा।

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