कोटद्वार-पौड़ी

फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार..

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विद्यालयों के साथ ही क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया फूलदेई पर्व
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : चैत्रमास की संक्रांति के दिन गुरुवार को कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र में फूलदेई उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। बच्चों ने घर व स्कूल की देहरी पर फूल, चावल अर्पित कर ‘फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार..’ सहित अन्य गीत गाकर सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान कई स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। शिक्षकों ने विद्यार्थियों को फूलदेई पर्व के महत्व के बारे में बताया। साथ ही अपनी संस्कृति व सभ्यता को बचाने के लिए आगे आने की भी अपील की।
बसंत ऋतु के आगमन पर फूलदेई त्योहार को लेकर बच्चों में काफी उत्साह बना हुआ था। सुबह से ही बच्चों की टोली हाथों में फूलों की टोकरी लेकर मोहल्लों में घूमती हुई नजर आई। घरों में देहरी पूजन कर चावल और पुष्प अर्पित किए गए। परिवार के सदस्यों ने बच्चों को गुड़, चावल फल व पैसे उपहार में दिए। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज कण्वघाटी में बच्चों ने फूलदेई पर्व पर घर-घर देहरी में फूल रखे। इससे पूर्व विद्यालय के प्रधानाचार्य रमाकांत कुकरेती ने बच्चों को फूलदेहई के महत्व के बारे में बताया। इस मौके पर राकेश मोहन ध्यानी, उमेश चंद्र, कविता बिष्ट, अनुराधा जोशी आदि मौजूद रहे। वहीं, पब्लिक इंटर कॉलेज सुरखेत में भी फूलदेई का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने ग्राम रणस्वा में घर-घर जाकर ग्रामीणों के घर की देहरी पर फूल डालकर गाँव की खुशहाली तथा परिजनों की आरोग्यता व सुख समृद्धि की कामना की। विद्यालय के प्रधानाचार्य पुष्कर सिंह नेगी तथा संस्कृताचार्य रोशन लाल गौड़ के मार्गदर्शन में हाथों में फूलों की टोकरी लेकर फुलारी गीत गाते हुए छात्र-छात्राओं की टीम ने विद्यालय के सेवित ग्राम रणस्वा में जाकर घरों की देहरी पर फूल चढ़ाए। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य पुष्कर सिंह नेगी ने कहा कि हिन्दू पंचांग के अनुसार 14 या 15 मार्च से चैत्र मास की शुरुआत होती है और इस संक्रांति को उत्तराखण्ड में फूलदेई या फुलारी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार एवं ऋतुराज बसन्त के स्वागत का पर्व है। फूलदेई के विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के द्वारा इस पर्व को संरक्षित करने तथा उसे हर्षोल्लास से मनाने के लिए विगत कई वर्षों से निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। इस मौके पर विद्यालय एसएमसी की पूर्व अध्यक्ष सुनीता नेगी, गोदाम्बरी देवी, सुमित्रा देवी, देवेश्वरी देवी, विशम्बरी देवी, राजेश्वरी देवी, कमला देवी सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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