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पहली बार बदरी-केदार में वीआईपी दर्शन के लिए देना होगा शुल्क, मंदिर समिति की बैठक में हुआ निर्णय

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देहरादून । केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में पहली बार वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपये शुल्क देना होगा। देश के चार प्रमुख मंदिर तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, महाकालेश्वर व सोमनाथ मंदिरों में पूजा व दर्शन व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने चारधाम यात्रा में शुल्क की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा केदारनाथ मंदिर में 100 किलो. भार का अष्टधातु से बना त्रिशूल स्थापित किया जाएगा।
सोमवार को कैनाल रोड स्थिति कार्यालय में बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक आयोजित की गई। इसमें केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की व्यवस्थाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 76.26 करोड़ का बजट पारित किया। इसके अलावा चारधाम यात्रा को लेकर भी कार्ययोजना को स्वीकृति दी गई।
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट पेश किया। इसमें बदरीनाथ मंदिर की व्यवस्था के लिए 39.90 करोड़ और केदारनाथ के लिए लगभग 36.35 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया। बजट में बीते वर्ष की 65,53,11,583 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94,26,23,042 करोड़ रुपये आय का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने और प्रसाद वितरण इत्यादि की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था पैदा नहीं होगी। अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, बीकेटीसी आदि अपने-अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं।
श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान या चढ़ावा देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान व चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। अन्यथा कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मंदिरों को मिलने वाली दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाए जाएंगे। जिन्हें सीसीटीवी कैमरों से लेस किया जाएगा।
बीकेटीसी में आइटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित जाएगी। इससे ई-ऑफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कंप्यूटरीकृत करने आदि में आसानी होगी।
विद्यापीठ में तैयार होंगे आयुर्वेदिक उत्पादबीकेटीसी ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में वर्तमान में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को फिर से शुरू कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया है। इससे बीकेटीसी द्वारा संचालित आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा भी हासिल होगी।
बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य निवास पोस्ती, कृपा राम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, राजपाल जड़दारी, भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी, जय प्रकाश उनियाल, पुष्कर जोशी, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश रावत, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, कार्याधिकारी रमेश तिवारी आदि उपस्थित थे।

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