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कोटद्वार बेस हॉस्पीटल में कोरोना से हुई बेहताशा मौतों के लिये पूर्व मंत्री नेगी ने वर्तमान मंत्री हरक को ठहराया जिम्मेदार

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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना से हुई मौतों के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया
कहा दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर को लेकर लापरवाही न बरतें
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद भी केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना रोकथाम के लिए गंभीरता से कार्य नहीं किया। जिस कारण कोरोना की दूसरी लहर में केंद्र और राज्य सरकार कुछ करने की स्थिति में नहीं थी। उन्होंने अव्यवस्थाओं के चलते कोरोना से हुई मौतों के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों ने सितंबर-अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई है। इसलिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जाना आवश्यक है। तीसरी लहर को लेकर केंद्र व राज्य सरकार दूसरी लहर की तरह लापरवाही न करें। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को गुमराह करने के लिए क्षेत्रीय विधायक ने बगैर सुविधाओं के ही ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और आईसीयू वार्ड का उद्घाटन कर दिया। यदि समय पर उक्त ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एवं आईसीयू वार्ड को स्थापित कर दिया जाता तो कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सकता था।
लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाऊस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वैज्ञानिकों की कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी के बाद भी केंद्र और प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की ओर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण कई लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी। यहां तक खराब स्वास्थ्य सेवाओं के चलते डाक्टर भी विचलित होते देखे गये है। उन्होंने राजकीय बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के लिए क्षेत्रीय विधायक एवं काबीना मंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि ने विगत साढ़े चार सालों में बेस हास्पिटल की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिससे कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाती नजर आयी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आधुनिक सुविधाओं से लैस बेस हास्पिटल बनकर तैयार हो गया था, जिसमें पर्याप्त मात्रा में डाक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति कर दी गयी थी, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद बेस हास्पिटल से बड़ी मात्रा में डाक्टरों को दूसरे जगह स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह देते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभी से तैयारी करते हुए हॉस्पिटलोें मे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू वार्ड सहित डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती सुनिश्चित की जाय। ताकि कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को बचाया जा सके। इस मौके पर महापौर श्रीमती हेमलता नेगी, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला चौहान, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट, साबर सिंह नेगी, बलवीर सिंह रावत, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अमित राज सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशु बहुखंडी, राजेन्द्र गुसांई, सुनील दत्त सेमवाल, कृपाल सिंह, राजा आर्य, शंकेश्वर प्रसाद सेमवाल आदि मौजूद थे।

स्थानीय विधायक की कार्यप्रणाली पर उठाये सवाल
कोटद्वार।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने क्षेत्रीय विधायक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विगत साढ़े चार सालों में क्षेत्रीय विधायक ने कोटद्वार विधानसभा की कोई सुध लेनी की जरूरत तक नहीं समझी है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा के लिए स्वीकृत मेडिकल कॉलेज की भूमि को श्रम विभाग में स्थातानांतरित करते हुए मेडिकल कालेज निर्माण के मार्ग को अवरूद्घ करने का प्रयास किया गया, जबकि श्रम विभाग कोई मेडिकल कॉलेज बनाता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाबर में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज की भूमि खननकारियों का अड्डा बनी हुई है। मेडिकल कॉलेज की भूमि पर खननकारियों ने कई फीट गहरे गढ्ढे खोद दिये है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान उनसे वार्ता करने के बाद श्रम विभाग से मेडिकल कॉलेज के नाम पर भूमि को हस्तांतरण करवाया गया, लेकिन अभी भी कुछ भूमि श्रम विभाग के नाम ही दर्ज है। पूर्व मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज को स्थानीय विधायक साढ़े चार साल में भी नहीं बनवा पाये है। अगर यह मेडिकल कॉलेज समय पर बन जाता तो कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को आसानी से बेड, ऑक्सीन बेड, वेंटिलेटर मिल जाते। उन्होंने कहा कि जनहित में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।

मध्यम वर्ग और छोटे उद्योग धंधे वालों को आर्थिक सहायता दी जाय
कोटद्वार।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सबसे अधिक मध्यम वर्ग और छोटे उद्योग धंधे वाले प्रभावित हुए है। जिस कारण इन लोगों को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक सरकार ने भी इन लोगों की चिंता नहीं की है। उन्होंने मध्यम वर्ग और छोटे उद्योग धंधे वालों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

घर-घर वैक्सीनेशन की व्यवस्था करें सरकार
कोटद्वार।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि सरकार को घर-घर कोविड वैक्सीनेशन की व्यवस्था करनी चाहिए। कोरोना महामारी से बचाव करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण केंद्र में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन होने से कोरोना महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। कोविड महामारी को रोकने के लिए घर-घर टीकाकरण होना चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में बहुत ही धीमी गति से वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। इस अभियान को तेजी से चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना को महामारी यानि आपदा घोषित किया है। आपदा में मृतक को मुआवजा देने की व्यवस्था है। इसलिए मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि दी जाय।

केंद्र सरकार पर बजट को रोकने का लगाया आरोप
कोटद्वार।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2012-13 में वल्र्ड बैंक से उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 950 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत कराया गया था, लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता परिर्वतन होने के बाद उक्त बजट पर रोक लगा दी गई। इस बजट से सीएससी, पीएससी सहित अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जानी थी।

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