उत्तराखंड

इंटार्क मजदूर यूनियन के दो पदाधिकारियों समेत चार पर मुकदमा

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रुद्रपुर। बीते 29 जून को सहायक श्रमायुक्त कार्यालय में धरना-प्रदर्शन, बाल पंचायत और बाल सत्याग्रह के मामले को लेकर एएलसी की ओर से इंट्रार्क मजदूर यूनियन के दो पदाधिकारियों समेत चार के खिलाफ बच्चों को मानसिक और शारीरिक कष्ट पहुंचाने, बाल अधिकारों के हनन के आरोप में केस दर्ज कराया है। इस संबंध में बाल संरक्षण समिति को भी जानकारी दी गई है। सहायक श्रम आयुक्त, ऊधमसिंह नगर ने चौकी प्रभारी सिडकुल पंतनगर को भेज पत्र में कहा है कि 29 जून को कार्यालय उप श्रम आयुक्त, परिसर में काफी संख्या में लोगों ने धरना-प्रदर्शन, बाल पंचायत और बाल सत्याग्रह किया। इसमें दलजीत सिंह, अध्यक्ष इंट्रार्क मजदूर संगठन पंतनगर, पान मोहम्मद, इंट्रार्क मजदूर संगठन किच्छा, कैलाश भट्ट, इंट्रार्क मजदूर संगठन पंतनगर और सुब्रत कुमार विश्वास, बंगाल एकता मंच का नाम सामने आया है। आरोप है कि इन्होंने कार्यालय परिसर में बच्चों को सामने रखकर बाल पंचायत और बाल सत्याग्रह कर लंबे समय तक नारे लगवाए। बच्चों को दिन में तेज धूप और शाम को तेज बारिश के बावजूद बच्चों के हाथ में नारे लिखित तख्तियों देकर खड़ा रखा। इससे बच्चों को मानसिक और शारीरिक कष्ट होने के साथ ही उनके अधिकारों के हनन हुआ है। जबकि इन व्यक्तियों और अन्य यूनियन के पदाधिकारियों को मांगों के संबंध में कार्यालय से कार्रवाई के बारे में पहले की जानकारी दी गई थी। बावजूद इसके उपश्रम आयुक्त कार्यालय के परिसर में बाल पंचायत और बाल सत्याग्रह किया गया। जिससे कार्यालय के न्यायिक, प्रशासनिक और दैनिक कार्य भी प्रभावित हुए। पुलिस ने इस मामले में चारों पर केस दर्ज किया है।
ये है पूरा मामलारू इंटार्क मजूदर यूनियन करीब तीन माह से इंटार्क कंपनी में हुई तालाबंदी और कर्मचारियों को बाहर किए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहा है। वहीं इंटार्क कंपनी के कर्मचारियों के तीन माह के वेतन की रिकवरी के लिए कंपनी की आरसी काटी जा चुकी है। इस मामले में एसडीएम रुद्रपुर की ओर से कंपनी के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए कंपनी को 5 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया है। वहीं 29 जून को बच्चों के साथ इंटार्क मजूदर यूनियन ने कलक्ट्रेट के गेट पर भी देर रात तक धरना-प्रदर्शन किया था। इस दौरान डीएम को मांगपत्र सौंपने की मांग की गई थी। डीएम के न आने पर गेट पर ही मांगपत्र चस्पा किया था।
बच्चों को इस तरह से धरने पर बैठाना अपराध है। ऐसे में आरोपियों को विधिक कार्रवाई की जद में लाना जरूरी था। इसके बाद एएसपी ने श्रम विभाग में एएलसी से संपर्क किया। एएलसी की तहरीर पर सिडकुल चौकी में मामला दर्ज कर लिया गया है। -मनोज कत्याल, एएसपी रुद्रपुर
बच्चों को धरना-प्रदर्शन में शामिल कर उन्हें शारीरिक और मानसिक कष्ट देना बाल अधिकारों हनन है। एएलसी कार्यालय की ओर से इस मामले को लेकर कोई भी कार्यवाही लंबित नहीं है। इसके बाद भी कार्यालय परिसर में आंदोलन से प्रशासनिक और न्यायिक कार्य प्रभावित हुए। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। -अरविंद सैनी, सहायक श्रमायुक्त

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