उत्तराखंड

निकाय स्थानीय स्तर पर करें कूड़े का प्रबंधन: गर्ब्याल

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हल्द्वानी। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन समिति की बैठक में नगर निकायों के अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर कूड़े व ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पलीथिन के उपयोग पर पाबंदी लगाने के लिए सख्ती से कार्य किया जाए। र्केप कार्यालय में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी नगर पालिका रामनगर के अधिशासी अधिकारी भरत त्रिपाठी के कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि ईओ रामनगर ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर बनाया है। जिसे महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत समूह घर-घर जाकर कूड़े को जमा करते हैं। इससे एक ओर निकाय क्षेत्र में स्वच्छ्ता बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर महिलाएं आर्थिक तौर पर मजबूत हो रही हैं। अधिशासी अधिकारी ने बताया, एमआरएफ यूनिट के माध्यम से अजैविक अपशिष्ट को ट्रंचिंग ग्राउंड के स्थान पर ट्रांसफर स्टेशन में पृथक किया जाता है। यही से अजैविक अपशिष्ट को अलग कर रिसाइक्लिंग यूनिट को बेचा जा रहा है। जिससे पालिका को अब तक 4़75 लाख की आय प्राप्त हो चुकी है। पालिका ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों से भी 28 टन कूड़ा खरीदकर उन्हें 2़51 लाख रुपये का भुगतान किया है। इस कार्य के लिए पालिका ने 15 कम्पोस्ट पिट तैयार किए हैं। बैठक में सीडीओ ड़ संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल, सिटी मजिस्ट्रेटाचा सिंह मौजूद रहे।
लालकुआं पंचायत कार्यालय नो प्लास्टिक जोन घोषित
जिलाधिकारी ने नगर निकाय रामनगर के ईओ को होटल व्यवसायियों व रिसोर्ट के अपशिष्ट को भी व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। गर्ब्याल ने बताया कि नगर पालिका रामनगर के बाद नगर पंचायत लालकुआं ने भी एमआरएफ सेंटर शुरू कर दिया गया है। नगर पंचायत कार्यालय को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया है। जल्द ही नगर निकाय कालाढूंगी, भीमताल व भवाली में भी एमआरएफ सेंटर संचालित किए जाएंगे।

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