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गौरैया को हमें वापस लाना होगा : सुबोध उनियाल

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-गौरैया की विलुप्ति दे रही एक स्पष्ट संदेश -पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा
हरिद्वार। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि गौरैया की विलुप्ति एक स्पष्ट संदेश दे रही है कि हमारे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसलिए गौरैया को हमें वापस लाना होगा। यह बात सुबोध उनियाल ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि पक्षी और कृषि की दोस्ती विश्वविख्यात है। इसलिए पक्षियों को घातक कीटनाशकों के प्रभाव से बचाना हमारी जिम्मेदारी बन जाती है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि मानव के अविवेकपूर्ण आचरण ने पर्यावरण की दशा खराब कर दी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की मांसाहारी प्रवृत्ति से हमारा प्रकृति के साथ तालमेल गड़बड़ा रहा है, जिसकी भारी कीमत मनुष्य को चुकानी पड़ रही है। उन्होंने देश की युवा पीढ़ी को आगे बढ़कर प्रो. दिनेश भट्ट द्वारा संचालित नेस्ट बॉक्स अभियान में भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रो. दिनेश भट्ट ने पक्षी संरक्षण के क्षेत्र में अथक प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान बनाई है, जिससे अनेक बार गुरुकुल भूमि गौरवांवित हुई है। विशिष्ट अतिथि प्रो. बीडी जोशी ने कार्यक्रम में युवाओं के उद्गारों का सुना और कहा कि आज का युवा वर्ग पर्यावरण को लेकर अत्यन्त सजग है। इसलिए हम यह आशा कर सकते हैं कि आने वाले वर्षों में पर्यावरण की स्थिति में सुधार होगा। अन्तरराष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक प्रो. दिनेश भट्ट ने देश के विभिन्न भागों में गौरैया की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनकी प्रयोगशाला द्वारा गौरैया के लिए कृत्रिम लकड़ी के घोंसले तैयार किए गए हैं, जिनमें बहुत सरलता से गौरैया अपना घोंसला बना रही है। इस दौरान डा. विनय सेठी, प्रो. सत्येंद्र राजपूत, प्रो. नवनीत, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो. नमिता जोशी, प्रो. डीएस मलिक, डा.विनोद कुमार, डा. गन माटा, डा.कपिल गोयल, डा.अश्वनी, डा.विपिन शर्मा, डा.प्रिंस प्रशान्त आदि शामिल रहे।

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