उत्तराखंड

अफसरों की कमी पर भड़का राजकीय शिक्षक संघ

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रुद्रप्रयाग। शिक्षा विभाग में बीते 6 महीने से जिम्मेदार अधिकारियों की कमी बनी है। सरकार के जनपद के प्रति उदासीन रवैये पर राजकीय शिक्षक संघ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। जनपद में अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में संगठन द्वारा उच्च अधिकारियों व दोनों विधायकों से अधिकारियों की नियुक्ति के लिए सरकार से मांग की गई। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग में पदोन्नति पाए अधिकारियों की नियुक्ति की है किंतु जनपद को एक भी अधिकारी नहीं दिया गया। जनपद में अधिकारी न होने के कारण जनपद में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने इस वर्ष बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम रहने का दावा करती है। वही दूसरी और जनपद में शिक्षा विभाग को भगवान भरोसे छोड़ रखा है। जनपद में 9 अधिकारियों के पद सृजित हैं। उनमें केवल एक पूर्णकालिक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यारत है। राजकीय शिक्षक संघ के जनपद उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार ने जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट व जिलामंत्री आलोक रौथाण के हवाले से कहा कि बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं। बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन की जिम्मेदारी अधिकारियों की रहती है। किंतु यह समझ से परे है कि अधिकारी विहीन जनपद में बोर्ड परीक्षा का सफल संचालन कैसे संभव हो पाएगा। संघ के संरक्षक हर्षवर्धन रावत, जनपद उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार, वरिष्ठ सलाहकार विजय बैरवाण, कोषाध्यक्ष मित्रानंद मैठाणी, जिला उपाध्यक्ष महिला ललिता रौतेला, जिला संयुक्त मंत्री दीपक नेगी, जिला संयुक्त मंत्री महिला कुसुम भट्ट, संगठन मंत्री सरोज सिंह नेगी, संगठन मंत्री महिला विमला राणा, गंगाराम सकलानी आदि ने जनपद के दोनों विधायकों से भी अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द जनपद में अधिकारियों की नियुक्ति के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाए। कहा कि यदि सरकार जनपद में अधिकारियों की नियुक्ति जल्दी नहीं करती है तो संगठन बोर्ड परीक्षाओं का बहिष्कार जैसा कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होगा।

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