उत्तराखंड

सरकार की अनदेखी से आशा कार्यकत्रियां आहत

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-मांगें पूरी नहीं हुई तो परिवार सहित आत्मदाह करेगी
पिथौरागढ़। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रही आशा कार्यकत्रियां सरकार की अनदेखी से आहत हैं। आक्रोशित कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो राज्य स्थापना के दिन वे परिवार संग आत्मदाह करेंगी। गुरुवार को सिरकूच की आशा कार्यकत्री रजनी चंद पत्नी अनिल चंद ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में आशा कार्यकत्रियों की लगातार अनदेखी की जा रही है। कहा अन्य कर्मियों को जहां सरकार नियमित तौर पर वेतन वृद्धि कर रही है, वहीं आशाओं के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। अल्प वेतन में ही कार्यकत्रियों से कई कार्य लिए जा रहे हैं। कोरोना संकट के बीच भी आशाओं ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वाह किया, लेकिन चार माह से कोविड भत्ता तक नहीं मिला। कहा अगर यूं ही आशाओं की अनदेखी की गई तो वह नौ नवंबर को परिवार सहित सीएम या फिर कैबिनेट मंत्री विशन सिंह चुफाल के आवास में आत्मदाह करेगी।

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