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सरकार को कोई डर नहीं है, मणिपुर पर जिसको जितनी चर्चा करनी है कर ले’, लोकसभा में बोले शाह

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नई दिल्ली, एजेंसी।मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 पर बोलते हुए कहा कि मणिपुर मुद्दे पर सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं।
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को लिखा है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है और उनसे इस संवेदनशील मामले पर चर्चा के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि आज मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं, लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे की चर्चा में उनके अमूल्य सहयोग की अपील की। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे।
साथ ही लोकसभा में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम इस साल विजयादशमी या दिवाली से पहले एक नई सहकारी नीति लाएंगे।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार सबके सामने है। एक तरफ वे देश को यह कह कर गुमराह कर रहे हैं कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर वे संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं। विपक्ष का व्यवहार इस बात पर मुहर लगा रहा है कि ये लोग देश की महिलाओं, जनजातीय समुदाय, गरीबों के प्रति संवेदनहीन हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है, हम मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष चर्चा की मांग कर खुद इससे भाग रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि जो ऊंगली वे सरकार की तरफ उठाने वाले हैं, उसके अलावा उस हाथ की शेष ऊंगलियां उनकी तरफ उठने वाली है।
वहीं, कांग्रेस सांसद रणदीप सूरजेवाला ने मणिपुर की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश का, स्वतंत्रता सेनानियों और इंडिया और भारत का अपमान कर रहे हैं। ढट को अमेरिका की संसद में जाकर बात करने का समय है, लेकिन देश की संसद में आकर, मणिपुर शब्द बोलने से नफरत है। प्रधानमंत्री देश के संविधान और संसद से इतनी नफरत क्यों करते हैं।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी गृह मंत्री की होती है। गृह मंत्री ने खुद कहा है कि विपक्ष जितनी चाहे उतनी चर्चा करें, लेकिन मणिपुर के मुद्दे का निदान निकलना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री को बोलना होगा तो वे अंत में बोलेंगे। प्रधानमंत्री ने देश के सामने अपनी बात रख दी है। उद्देश्य यह है कि चर्चा न हो उद्देश्य यह नहीं है कि मणिपुर के लिए सार्थक निदान निकले।

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